नारकीय स्थिति में जीने को मजबूर जगन चौराहा, हरदेव नगर, पुराना नगर परिषद भवन, कचहरी मोड़, संतर रोड,सब्जी मंडी, मोदी तिराहा आदि स्थानों के लोग धौलपुर. नगर परिषद की ओर से शहर के नालों की सफाई के लिए हर साल लाखों रुपए का ठेका दिया जाता है। इस बार भी करीब 35 लाख रुपए का ठेका दिया गया है। इस तरह नाला सफाई के नाम पर जनता के करोड़ों रुपए फूंकने के बावजूद शहर में नालों की स्थिति बदतर है। हालात यह हैं कि शनिवार रात को हुई जरा सी बारिश ने ही नाला सफाई की पोल खोल दी। शहर के सभी नाले उफन कर सडक़ों पर आ गए। नालों की सारी गंदगी सडक़ों पर पसर गई। सुबह जब लोग जागे तो सडक़ें गंदगी से अटी दिखीं। दिनभर इनकी सफाई भी नहीं होने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई। वहीं, आसपास रह रहे लोगों को बदबू के कारण नारकीय दिन बिताना पड़ा। जरा सी बारिश में शहर का यह हाल रहा तो मानसूनी बारिश के दौरान शहर की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
यहां रही स्थिति बदतर शनिवार रात को हुई थोड़ी देर की ही बारिश में शहर के जगन चौराहा, हरदेव नगर, पुराना नगर परिषद भवन, कचहरी मोड़, संतर रोड, तोप तिराहा, सब्जी मंडी, मोदी तिराहा, तलैया आदि स्थानों पर नाले उफन कर सडक़ों पर आ गए।
सडक़ों पर गंदगी का साम्राज्य नालों से उफनी गंदगी सडक़ों पर पसर गई। सडक़ों पर कीचड़ ही कीचड़ हो गया। इस कीचड़ ने नालों की सफाई की पोल खोल कर रख दी। गनीमत रही कि रविवार को शहर का बाजार बंद था। अगर खुला होता तो लोगों और दुकानदारों को और भी परेशानी होती।
सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति शहर में ठेकेदार की ओर से नाला सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। आधी-अधूरी सफाई के कारण नाले अवरुद्ध हैं। शहर के सभी बड़े नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। सफाई के नाम पर ऊपर-ऊपर से थोड़ी बहुत कीचड़ उठा कर नालों के किनारे पटकी जा रही है।