scriptबढ़ रहा अवैध हथियार रखने का शौक | Interest in possessing illegal weapons is increasing | Patrika News

बढ़ रहा अवैध हथियार रखने का शौक

locationधौलपुरPublished: Sep 23, 2019 11:58:00 am

Submitted by:

Mahesh gupta

शस्त्र लाइसेंस लेने की प्रक्रिया पुलिस और प्रशासन ने जटिल होने के चलते जिले के लोगों में अवैध हथियार रखने का शौक बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि अवैध हथियारों के बढ़ते कारोबार के कारण जिले में अपराधों के ग्राफ में भी बढ़ोतरी हुई है।

बढ़ रहा अवैध हथियार रखने का शौक

बढ़ रहा अवैध हथियार रखने का शौक

बजरी माफिया करते है अवैध हथियारों का प्रयोग
धौलपुर. शस्त्र लाइसेंस लेने की प्रक्रिया पुलिस और प्रशासन ने जटिल होने के चलते जिले के लोगों में अवैध हथियार रखने का शौक बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि अवैध हथियारों के बढ़ते कारोबार के कारण जिले में अपराधों के ग्राफ में भी बढ़ोतरी हुई है। अवैध हथियार रखने के मामले में अवैध बजरी व्यापार से जुड़े लोग सबसे आगे हैं। यह आंकड़े पुलिस थानों में दर्ज हुए अवैध हथियारों के केसों से सामने आए है। अवैध हथियारों के बढ़ते प्रचलन के चलते क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस प्रशासन ने कोई खास रणनीति भी तैयार नहीं की है। ऐसे में जिले में अवैध हथियार से फायरिंग की वारदातें होना आम होने लगा है। बजरी माफियाओं की ओर पुलिस पर फायरिंग में भी अवैध हथियारों से किया जाना सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि चंबल क्षेत्र के धौलपुर में हथियारों का क्रेज खत्म नहीं हो पा रहा है। प्रदेश के छोटे जिले में शुमार धौलपुर में ही करीब साढ़े तीन हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंसी हैं। यह स्थिति तब है, जब पिछले पांच साल से प्रशासन ने नए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को जटिल कर दिया है। ऐसे में अब क्षेत्र का युवा वर्ग अवैध हथियार रखने की शौकीन होती जा रही है। इनसे रंगदारी दिखाने के लिए हवाई फायर से लेकर एकाएक हत्या की वारदातें भी अंजाम दे रहे हैं। यहां बीते साढ़े तीन साल में करीब पांच सौ आर्मस एक्ट के मामले दर्ज हो चुके हैं। मनियां थाना पुलिस ने गत माह थाना क्षेत्र में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी।
देशी कट्टा रखने का प्रचलन
सूत्रों का कहना है कि धौलपुर जिले में अवैध हथियारों में सबसे अधिक कट्टा प्रचलित है। इनकी खेप समीपवर्ती मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश क्षेत्र के जिलों से आ रही है, इसके अलावा उप्र से जुड़े बॉर्डर के दूसरे गांवों से भी आदान-प्रदान होता रहता है। आंकडों पर नजर डाले तो जिलेभर में अधिकांश अपराधिक वारदातों में देशी कट्टे का ही प्रयोग किया गया है। इसके अलावा अवैध बजरी व्यापार से जुड़े लोगों की ओर से भी अवैध हथियार के तौर पर देशी कट्टे का इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस के आंकडों पर नजर डाले तो बजरी माफियाओं की ओर से पुलिस पर किए गए हमलों में अवैध देशी कट्टों से फायरिंग किया जाना सामने आया है।
आम्र्स एक्ट के तहत गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर मामले की तह तक पहुंचने का पूरा प्रयास पुलिस कर रही है। पड़ोसी राज्यों में भी हथियार संबंधित मामलों में पुलिस पहुंची है। इसके अलावा अवैध हथियारों के लिए उपलब्ध होने वाले कारतूसों पर भी पुलिस की विशेष निगाहें है। अवैध हथियारों के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा।
मृदुल कच्छावा, जिला पुलिस अधीक्षक, धौलपुर।
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