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जयपुरी आदेश का बाट जोह रही लाड़ो की साइकिल

राज्य में सरकार बदलने के साथ ही साइकिल का रंग भी बदलकर काले से केसरिया हो गया है। लेकिन जयपुरी आदेश के इंतजार में जिले की होनहार बच्चियों को अभी तक साइकिल नसीब नहीं हो पाईं हैं।

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जयपुरी आदेश का बाट जोह रही लाड़ो की साइकिल Lado's bicycle waiting for Jaipuri order

-जिले में अभी तक नहीं हो पाया छात्राओं को साइकिलों का वितरण

-इस बार काले के बजाय केसरिया रंग में रंगी मिलेंगी साइकिलें

-इस सत्र गत वर्ष की शेष साइकिलों का भी होगा वितरण

धौलपुर. राज्य में सरकार बदलने के साथ ही साइकिल का रंग भी बदलकर काले से केसरिया हो गया है। लेकिन जयपुरी आदेश के इंतजार में जिले की होनहार बच्चियों को अभी तक साइकिल नसीब नहीं हो पाईं हैं। आचार संहिता के कारण जिले में साइकिल वितरण कार्य रोक दिया गया था। जिसके बाद से सरकार के आदेश का इंतजार है।

दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना 2011 में शुरू की गई थी। योजना के तहत राजकीय स्कूलों में अध्ययनरत 9वीं और 10वीं की छात्राओं को योजना का लाभ दिया जाता है। 2022-23 और 2023-24 में जिले भर में 16 हजार 509 साइकिलों का वितरण किया गया। हालांकि पिछले वर्ष की कुछ साइकिलों का वितरण आचार संहित के चलते नहीं हो सका। इस सत्र जिले में लगभग 8 से 9 हजार के आसपास साइकिलों का वितरण होगा। धौलपुर के राजकीय महाराणा स्कूल में साइकिलों को असेंबल किया जा चुका है। बालिकाओं को 20 इंच वाली लेडीज साइकिलें वितरित की जाएंगी। विभाग एक साइकिल की कीमत 3933 रुपए अदा करेगा।

कार्यक्रम आयोजित कर सीएम करेंगे वितरण

छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलें असेंबल होकर मुख्यालयों में रखी हुई हैं। अब बस सरकार स्तर से आदेश का इंतजार है। जानकारी के अनुसार इस सत्र मुख्यमंत्री साइकिल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर साइकिलों का वितरण प्रारंभ करेंगे। लेकिन उनकी उप चुनावों में व्यस्तता के चलते अभी तक कार्यक्रम तय नहीं हो पाया है। जिससे साइकिल वितरण में विलंब हो रहा है।

शेष साइकिलों का भी होगा वितरण

मुख्यालय से गत वर्ष शेष साइकिलों का वितरण भी नवीन साइकिलों के साथ ही करने के निर्देश दिए गए हैं। गत वर्ष की शेष रही साइकिलों को सही सलामत चालू स्थिति में पात्र बालिकाओं को वितरित करना होगा। इसके साथ नोडल केंद्रों से विद्यालय तक साइकिल पहुंचाने व पात्र छात्रा को साइकिल वितरण तक की समस्त परिवहन व्यवस्था संस्था प्रधान को करनी होगी। इसके लिए स्कूलों को अलग से कोई बजट नहीं दिया जाएगा।

आचार संहिता में अटकी रही सुविधा

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दोनों सत्रों की साइकिलों के वितरण की अगस्त माह में तैयारी शुरू की। साइकिल खरीद के लिए सितम्बर में टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली, लेकिन राज्य में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते साइकिलों का वितरण अटक गया। प्रदेश में भाजपा सरकार के आने के बाद साइकिलों का रंग फिर से भगवा कर दिया गया। जिस कारण साइकिलों की खेप मिलने में भी देरी हुई।

- साइकिलें असेंबल हो चुकी हैं। अब बस प्रदेश स्तर से वितरण के आदेश का इंतजार है। इसी कारण साइकिल वितरण में विलंब हो रहा है। साइकिल के काले से केसरिया रंग किए जाने पर कोई विवाद नहीं है। इस सत्र के साथ ही पिछले सत्र की बची शेष साइकिलों का भी वितरण किया जाएगा।

सुखो देवी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक