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नहीं बना पार्वती नदी पर लक्ष्मण झूला, धार्मिक आस्था की ओर कोई ध्यान नहीं

locationधौलपुरPublished: Sep 30, 2020 12:37:19 pm

बसेड़ी. बाड़ी-बसेड़ी सडक़ मार्ग पर स्थित भूतेश्वर मंदिर तथा पंचमुखी हनुमान मंदिर के बीच बहने वाली पार्वती नदी पर पिछले 15 साल से अधिक समय से नदी के दोनों ओर ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को जोडऩे के लिए स्थानीय नागरिकों तथा श्रद्धालुओं की ओर से दोनों ओर लक्ष्मण झूला लगाकर मंदिरों को जोडऩे की मांग चली आ रही है,

 Laxman swing on Parvati river did not happen,  No attention to religious faith

नहीं बना पार्वती नदी पर लक्ष्मण झूला, धार्मिक आस्था की ओर कोई ध्यान नहीं

नहीं बना पार्वती नदी पर लक्ष्मण झूला, धार्मिक आस्था की ओर कोई ध्यान नहीं

बसेड़ी. बाड़ी-बसेड़ी सडक़ मार्ग पर स्थित भूतेश्वर मंदिर तथा पंचमुखी हनुमान मंदिर के बीच बहने वाली पार्वती नदी पर पिछले 15 साल से अधिक समय से नदी के दोनों ओर ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को जोडऩे के लिए स्थानीय नागरिकों तथा श्रद्धालुओं की ओर से दोनों ओर लक्ष्मण झूला लगाकर मंदिरों को जोडऩे की मांग चली आ रही है, लेकिन इस तरफ ना तो प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं गया। यह मामला अधर में झूल रहा है। जिसकी वजह से धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों में मायूसी बनी हुई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार अपनी पहचान रखने वाले धार्मिक स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजनाओं पर काम कर रही है। बसेड़ी उपखंड मुख्यालय के ऐतिहासिक धरोहर भूतेश्वर महादेव मंदिर तथा बाड़ी उपखंड मुख्यालय में पंचमुखी हनुमान मंदिर धार्मिक आस्था का एक केंद्र बने हुए हैं। जहां बाड़ी बसेड़ी के अलावा सरमथुरा धौलपुर, आगरा, जगनेर, ताजपुर, भरतपुर के अलावा दूर-दूर से धार्मिक आस्था रखने वाले लोगों का हमेशा यहां आना जाना बना रहता है। भूतेश्वर मंदिर पर साल में दो बार मेले का आयोजन भी होता है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहता है।
इस सब के बावजूद इस और प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं गया। मजे की बात तो यह है कि बसेड़ी क्षेत्र बयाना विधानसभा में था। उस समय पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना के समय यह ख्वाब उन्होंने श्रद्धालुओं को दिखाया था। जिसके बाद से यह मांग उठती चली आई।
बाद में बसेड़ी विधानसभा को अपना अस्तित्व मिला, लेकिन उसके बाद भी दो विधायक चले गए। तीसरे विधायक वर्तमान में अपनी जिम्मेदारी को बहुत ही बेहतर तरीके से निभा रहे हैं, लेकिन यह ख्वाब अभी ख्वाब ही है। श्रद्धालुओं ने वर्तमान विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा तथा जिला कलक्टर राकेश कुमार जयसवाल से दोनों और मंदिरों को जोडकऱ लक्ष्मण झूला की मांग को पूरा कराए जाने की मांग की है।
सुंदरता की छटा बिखरती पार्वती नदी
जिले की चंबल नदी के बाद अपनी पहचान रखने वाली पार्वती मुख्य बड़ी नदी है। जिस पर पार्वती बांध भी बना हुआ है। दोनों मंदिरों के बीच बहने वाली पार्वती नदी पर सिंचाई विभाग की ओर से कई साल पहले एनीकट का निर्माण भी कराया गया था। उसकी वजह से दोनों मंदिरों के बीच जलभराव की स्थिति भी बनी रहती है। दोनों मंदिरों के बीच बहने वाली पार्वती नदी अपने आप में प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा केंद्र है। जहां सुंदरता की छटा हमेशा बनी रहती है। जीव जंतु पक्षी यहां किलकारियां करते रहते हैं। शाम होते ही अनन्य प्रकार के पक्षियों की आवाज यहां सुनाई देती है। प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपना ध्यान आकर्षित कर दें, तो निश्चित ही इस स्थान पर एक खास पिकनिक स्पॉट भी बनाया जा सकता है।

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