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धौलपुर के इतिहास को संजोए है नैरोगेज रेल

locationधौलपुरPublished: Oct 29, 2020 05:02:35 pm

Submitted by:

Naresh

Narrowage rail धौलपुर. प्रदेश के शहर धौलपुर से आज भी एक नैरो गेज रेल का संचालन होता चला आ रहा है। कभी इस रेल का निर्माण लाल पत्थरों की ढुलाई के लिए किया गया था। पर इस मार्ग पर चलने वाले पैसेंजर ट्रेन आज भी ठसाठस भरी हुई चलती है। इस 2 फीट 6 ईंच चौड़ाई वाले नैरो गेज पर चलने वाली वाई आकार के ट्रेन रूट का नाम धौलपुर बाड़ी लाइट रेलवे ( डीबीएलआर) दिया गया है

Narrowage rail has preserved the history of Dholpur

धौलपुर के इतिहास को संजोए है नैरोगेज रेल

Narrowage rail धौलपुर के इतिहास को संजोए है नैरोगेज रेल
धौलपुर. प्रदेश के शहर धौलपुर से आज भी एक नैरो गेज रेल का संचालन होता चला आ रहा है। कभी इस रेल का निर्माण लाल पत्थरों की ढुलाई के लिए किया गया था। पर इस मार्ग पर चलने वाले पैसेंजर ट्रेन आज भी ठसाठस भरी हुई चलती है। इस 2 फीट 6 ईंच चौड़ाई वाले नैरो गेज पर चलने वाली वाई आकार के ट्रेन रूट का नाम धौलपुर बाड़ी लाइट रेलवे ( डीबीएलआर) दिया गया है। ये धौलपुर शहर से शुरू होकर बाड़ी होते हुए सरमथुरा और तांतपुर तक तक जाती है।
इतिहासकार बताते है कि कभी इसका नाम धौलपुर स्टेट रेलवे हुआ करता था। ये रेलवे धौलपुर राजघराने की संपत्ति हुआ करती थी। इस प्रबंधन और संचालन धौलपुर दरबार करता था। ग्रेट इंडियन पेनीसुला के झांसी आगरा लाइन पर धौलपुर जंक्शन से ये लाइन शुरू होती थी। इस 89 किलोमीटर रेल मार्ग का निर्माण महाराजा धौलपुर ने 1908 में शुरू कराया। 1917 में इस रेल मार्ग पर पूरी तरह से रेलगाडिय़ों का संचालन शुरू हो गया था। बाद में ये ग्वालियर लाइट रेलवे का हिस्सा बन गया। 1950 में धौलपुर बाड़ी लाइट रेलवे का राष्ट्रीयकरण हो गया और ये भारतीय रेल का हिस्सा बन गई।
कभी धुंआ उड़ाती थी, आज डीजल से चल रही
धौलपुर बाड़ी लाइट रेलवे के लोकोमोटिव के कभी धुआं उड़ाती चलने वाली इस लाइट रेलवे में भी अब डीजल इंजन लग चुका है। अब इस लाइट रेलवे को डीजल से संचालित जेडडीएम-5 लोको खींचते हैं। चितंरजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा निर्मित ये लोको 450 अश्वशक्ति के हैं। इस लाइन के पास पहले दो स्टीम इंजन हुआ करते थे जो 1954 में जापान की कावासाकी कंपनी द्वारा बने हैं। जेडईजेड 552 ई ( 2-8-2) मॉडल के ये स्टीम लोकोमोटिव अब अपनी सेवा खत्म करने के बाद धौलपुर में ही जंग खा रहे हैं। अब धौलपुर बाड़ी लाइट रेलवे के पास जेडडीएम 5 सीरीज के लोको हैं। इन्हें नौरो गेज का सबसे शक्तिशाली और सफल इंजन माना जाता है।
मोहारी में दो हिस्सों में बंटती है ट्रेन
रेल मार्ग की बात करें तो ये वाई आकार का है। धौलपुर से चलने वाली ये खिलौना ट्रेन बाड़ी के बाद मोहारी जंक्शन में दो हिस्सों में बंट जाती है। मोहारी से एक मार्ग सरमथुरा को चला जाता है तो दूसरा मार्ग तांतपुर को चला जाता है। धौलपुर से बाड़ी की दूरी 32 किलोमीटर है। इस मार्ग के बीच सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है। बाड़ी धौलपुर जिले का महत्वपूर्ण कस्बा है। मोहारी जंक्शन धौलपुर से 41वें किलोमीटर पर है जहां से सरमथुरा और तांतपुर के लिए दो लाइनें अलग हो जाती है। इस तरह यह वाई आकार का रेल मार्ग बनाती है। धौलपुर से तांतपुर की दूरी 59 किलोमीटर जबकि धौलपुर जंक्शन से सरमथुरा की दूरी 71 किलोमीटर है।

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