
वीरेंद्र चंसोरिया
Dholpur News: बाड़ी। बड़े हादसे के कारण धौलपुर-करौली नेशनल हाइवे फिर सुर्खियों में है। कैला देवी से लौट रहे बाइक सवार को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। जिससे बाइक सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। एक युवक गंभीर रूप से घायल है जिसे इलाज के लिए हायर अस्पताल रेफर किया गया।
हाइवे पर बढ़ते हादसों से लगता है कि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हाइवे अथारिटी कोई ठोस कदम उठा रही है और न ही आरटीओ विभाग। यह कोई पहली दुर्घटना नहीं है विगत 20 दिन पूर्व भी इसी स्पॉट पर एक बस एवं टेंपो में जोरदार टक्कर हुई थी जिसमें एक ही परिवार के 12 लोगों की मौत हुई थी, मगर उसके बावजूद भी प्रशासन नहीं जागा और हादसों का सिलसिला लगातार जारी है।
50 किलोमीटर का एरिया अति संवेदनशील
हाइवे पर ब्रेकर बनाने की अनुमति नहीं होती, हाइवे 11बी का 50 किलोमीटर एरिया ऐसा है जो बेहद ही संवेदनशील है। अधिकतर दुर्घटनाएं इसी क्षेत्र में ही होती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इस एरिया में हल्के स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं ताकि तेज रफ्तार वाहनों पर अंकुश लग सके और लोगों की जान बच सके।
तो वहीं कई हाइवे से कई कट ऐसे हैं जो ग्रामीण इलाकों से जुड़े हैं। जिससे इस ओर से आने वाला वाहन हाइवे पर आ रहे वाहन से टकरा जाता है और दुर्घटना का कारण बनता है। ऐसे में जरूरी है कि यह लिंक रोड इस तरह से डिजाइन किए जाएं की डायरेक्ट नेशनल हाइवे से ना जुड़े अथवा इन रोड के मुहाने पर बड़े-बड़े स्पीड ब्रेकर बनाए जाना जरूरी है ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगे।
हाइवे पर रिफ्लेक्टरों की कमी
मुन्नालाल मंगल का कहना है कि हाइवे निर्माण से लेकर अब तक हुई दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर निगाह डालें तो 70 से 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं रात्रि के समय में हुई हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि हाइवे पर रिफ्लेक्टर की कमी है। तीखे मोड़ों से भी सामने से आ रहा वाहन दिखाई नहीं देता यही कारण है कि लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसलिए प्रशासन को जल्द ही पर्याप्त लाइटिंग तथा रिफ्लेक्टर की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि सामने से आ रहे वाहनों को स्पष्ट रूप से देखा जा सके।
हाइवे पर बनाएं डिवाइडर
भाजपा नेता दिनेश बागथरिया कहते हैं कि हाइवे सिंगल वे है। जिस कारण जगह की कमी भी रहती है। जो कि हादसों का कारण भी है। साथ ही हाइवे के बीच डिवाइडर भी बनाया जाना चाहिए। ताकि आने और जाने वाले वाहनों के रास्ते अलग-अलग हो सके।
परिवहन विभाग नहीं करता कार्रवाई
अधिवक्ता रवि पचौरी का कहना है कि नेशनल हाइवे 11बी पर दुर्घटना का एक सबसे बड़ा कारण परिवहन विभाग की लगातार निगरानी करना भी नहीं है। अधिकतर लोगों का कहना है कि आरटीओ डिपार्टमेंट का काम केवल ओवरलोड ट्रैकों से वसूली करने का ही रह गया है, जबकि हाइवे पर तमाम तरह के डग्गेमार वाहन चलते हैं। साथ ही वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर हाइवे पर फर्राटा मारकर वाहन चलाते हैं।
Updated on:
12 Nov 2024 06:29 pm
Published on:
12 Nov 2024 06:11 pm
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