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गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों को सता रहा ड्यूटी का डर

locationधौलपुरPublished: Jun 06, 2023 03:59:24 pm

Submitted by:

Kirti Verma

राज्य के शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाने से विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ तो होता ही है, शिक्षक वर्ग भी मानसिक पीड़ा झेलने को मजबूर है। शिक्षक संघों का कहना है कि शिक्षा विभाग में कहने को तो वर्षभर का कार्य का ब्यौरा शिविरा पंचांग में घोषित किया जाता है।

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धौलपुर. राज्य के शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाने से विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ तो होता ही है, शिक्षक वर्ग भी मानसिक पीड़ा झेलने को मजबूर है। शिक्षक संघों का कहना है कि शिक्षा विभाग में कहने को तो वर्षभर का कार्य का ब्यौरा शिविरा पंचांग में घोषित किया जाता है। इसके अनुसार राज्य के सरकारी स्कूलों में 17 मई से 23 जून तक ग्रीष्मावकाश चल रहा है लेकिन, शिक्षकों की बीएलओ तथा विभिन्न अन्य गैर शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी लगाने से ग्रीष्मावकाश या अन्य अवकाश मात्र कागजी प्रक्रिया बनकर रह गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि असल में शिक्षकों को पिछले कई वर्षों से निर्बाध ग्रीष्मावकाश प्राप्त नहीं हुए हैं।

वर्तमान में हालात ऐसे ही हैं। वर्तमान में पीईईओ, शारीरिक शिक्षक व अन्य शिक्षकों की राजीव गांधी ग्रामीण व शहरी ओलंपिक खेलों में अधिक से अधिक खिलाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पाबंद किया गया है। साथ ही बीएलओ लगे कार्मिकों की डोर टू डोर सर्वे सहित विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य जिसमें कला किट का विद्यालय में आना, दुग्ध पैकेट व आंगनबाड़ी के फर्नीचर आदि कार्यों के लिए स्कूल खोलना पड़ता है। इससे शिक्षक को अवकाश मिलना तो दूर उन्हें डर सताता रहता है की कब कौनसा नया आदेश आ जाएं।

शिक्षकों ने जताई पीड़ा
इधर,शिक्षकों की पीड़ा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मालूम है कि ग्रीष्मावकाश में शिक्षक अपने मुख्यावास पर नहीं रहते हैं। फिर ऐसे आदेश ग्रीष्मकालीन अवकाशों में क्यों जारी किए जाते है। शिक्षक संघ रेसटा की मांग है की इसकी अंतिम तिथि 5 जून बढ़ाकर 15 जुलाई की जाए।

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शिक्षक वर्ग परेशान
ग्रीष्मकालीन अवकाशों में विभाग द्वारा इस प्रकार के आदेश निकालने से शिक्षक व संस्था प्रधान को मानसिक वेदना और मानसिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ता है। शिक्षकों का आरोप है कि इस प्रकार के आदेश निकालने से पहले शिविरा पंचांग को नहीं देखा जाता है। अनेक अवसर ऐसे आते हैं जब पंचांग को नजरअंदाज करते हुए विभिन्न प्रकार के आदेश निकाल दिए जाते हैं। राज्य के लाखों शिक्षक अपने गृह जिले से दूसरे जिले में नौकरी करते है वो लंबी छुट्टी आने पर ही अपने परिवार जनों के पास जा पाते हैं।


ग्रीष्मकालीन अवकाश में इस प्रकार के आदेश जारी करने का विरोध किया है। शिक्षकों से शिविरा पंचांग के अनुसार ही कार्य कराए जाएं।
मोहर सिंह सलावद, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ एलीमेंट्री सेकेंडरी टीचर एसोसिएशन (रेसटा)

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राज्य परियोजना निदेशक ने निकाला आदेश
वर्तमान में सरकारी स्कूलों में चल रहे ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान ही 3 जून को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक डॉ.मोहन लाल यादव ने आदेश जारी किया है जिसके अनुसार विद्यालय में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों का यू-डाइस प्लस पोर्टल पर स्टूडेंट डिटेल वेरिफिकेशन की अंतिम 5 जून है। इस नए आदेश के तहत शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश के दौरान ही यू-डाइस पर छात्रों के डिटेल को वेरीफाई करने की जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। विद्यार्थी की कोई सूचना अधूरी है तो जब तक विद्यार्थी या इसके अभिभावक दस्तावेज नहीं देता तो कार्य नही हो सकता है।

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