आयुर्वेद अस्पताल स्टाफ ने बताया कि हाल ही करीब २३ हजार रुपए का बकाया बिल तो भर दिया, लेकिन यह राशि जमा करने के बाद विभाग के खाते में १५८० रुपए शेष रह गए। बजट की मांग का पत्र विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है। आयुर्वेद निदेशालय अजमेर से अभी बजट जारी नहीं हुआ। इसके चलते विभाग बाकी राशि जमा नहीं करा पा रहा है।
एक माह का पैसा बकाया आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले भर में कई सरकारी कार्यालयों को लाखों रुपए का बिल बकाया चल रहा है। कई विभागों ने वर्षों से पैसा जमा नहीं किया है। जबकि उनके अस्पताल का कनेक्शन महज एक माह का बिल बकाया होने पर ही काट दिया गया है।
अस्पताल की सेवाएं ठप चिकित्सा विभाग की सेवाएं आवश्यक सेवा अधिनियम के तहत आती हैं। अब बिजली कनेक्शन कट जाने से आउटडोर में मरीजों को परामर्श में दिक्कत आ रही है। मंगलवार शाम से बिजली कटी होने के कारण अस्पताल में पंचकर्म उपचार बंद करना पड़ा है। शाम को अस्पताल का समय ६ बजे तक है और अंधेरा होने से उपचार सेवाएं बाधित हो गई हैं।
………… करीब २३ हजार रुपए का बिजली बिल हमने भर दिया, लेकिन बजट नहीं होने से ५७१४ रुपए बकाया थे। इस बारे में मौखिक तौर पर बिजली निगम अधिकारियों को अवगत भी कराया था। बजट भी निदेशालय से जारी होता है। ऐसे में शेष राशि जमा नहीं हुई थी।
मुन्नालाल शर्मा, प्रभारी, जिला आयुर्वेद अस्पताल …………… सरकारी विभागों के बिल बकाया होने के कारण अब कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है। आयुर्वेद अस्पताल का कनेक्शन काटा है, अन्यों पर भी कार्रवाई होगी।
आर ए शर्मा, अधीक्षण अभियंता, जेवीवीएनएल, धौलपुर