जान हथेली पर लेकर नदी पार कर रहे लोग, कई गांव बने टापू
धौलपुरPublished: Aug 04, 2021 06:32:59 am
राजाखेड़ा. जिले में बहने वाली दोनों नदियां चम्बल और उटंगन अपने रौद्र रूप में बहती हुई उफान पर हैं। जहां चम्बल का जलस्तर तेजी से बढऩे से बसई घीयराम ग्राम पंचायत के आधा दर्जन गांवों का रास्ता बंद हो गया है। वे एक द्वीप में तब्दील हो गए है। वहीं महंदपुरा, चीलपुरा, फरासपुरा ग्राम पंचायतों के आधा दर्जन गांव भी चम्बल की बाढ़ की चपेट में हैं, जहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है ।


जान हथेली पर लेकर नदी पार कर रहे लोग, कई गांव बने टापू
जान हथेली पर लेकर नदी पार कर रहे लोग, कई गांव बने टापू राजाखेड़ा. जिले में बहने वाली दोनों नदियां चम्बल और उटंगन अपने रौद्र रूप में बहती हुई उफान पर हैं। जहां चम्बल का जलस्तर तेजी से बढऩे से बसई घीयराम ग्राम पंचायत के आधा दर्जन गांवों का रास्ता बंद हो गया है। वे एक द्वीप में तब्दील हो गए है। वहीं महंदपुरा, चीलपुरा, फरासपुरा ग्राम पंचायतों के आधा दर्जन गांव भी चम्बल की बाढ़ की चपेट में हैं, जहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है ।
राजाखेड़ा उपखंड के बसई घीयराम ग्राम पंचायत की आंधियारी रपट पर देर शाम तक 50 फीट से अधिक पानी बह रहा था। अगर हालात यही रहे तो रात्रि में पानी आंधियारी गांव तक प्रवेश कर जाएगा। वहीं चीलपुरा, महंदपुरा, फरासपुरा के अनेक गांवों तक भी पानी पहुंच जाएगा। जिससे हालात विषम हो जाएंगे। उटंगन नदी में बांध से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर मंगलवार दोपहर से तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालांकि उटंगन में बाढ़ से गांवो में अंदर सीधा खतरा तो नही है, लेकिन इसके तटवर्ती गांवों गन्हेदी, नागर, नदोली, हथवारी, आनंदपुरा, मिठावली, डोंगरपुर, सिकरौदा, सिंघावली कलां, सिंघावली खुर्द, दिरावली, बाजना, सिलावट आदि गांवों के लिए जनजीवन विषम होता जा रहा है।