Rajasthan Weather Report
– जयपुर में चार साल का रिकॉर्ड तोड़ पारा 46.3 डिग्री पर… सीजन का सबसे गर्म दिन
– दस दिन में तीसरी बार चूरू फिर 50 पार
-राज्य के कई हिस्सों में प्रचंड लू चलने की चेतावनी
जयपुर। मानसून की इंतजार कर रहे प्रदेशवासियों को इन दिनों सूर्य के रौद्र रूप का सामना करना पड़ रहा है। मानसून से पहले पडऩे वाली गर्मी ( rajasthan weather report ) को स्थानीय भाषा में मरोड़ा कहा जाता है। धौलपुर में सोमवार को पारा 51 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान 32.08 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक बार फिर तेज हुई गर्मी में सोमवार को राजधानी का तापमान 46.3 डिग्री पर पहुंच गया। 10 जून को पारे ने बीते चार साल का रिकॉर्ड तोड़ कर सीजन का सबसे गर्म दिन बना दिया है। वहीं रात में गर्म हवा के चलते 33.6 डिग्री पर पारा पहुंच गया। प्रदेश ( Rajasthan Temperature ) में बीते दस दिनों में चूरू तीसरी बार सोमवार को 50 डिग्री को पार कर 50.3 डिग्री पर जा पहुंचा। इसके अलावा श्रीगंगानगर 48.5, बीकानेर 47.4 और कोटा 47.3 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने राजस्थान के कई हिस्सों में लू चलने और प्रचंड लू चलने की चेतावनी दी है।
लू के थपेड़ों-गर्मी से आने लगे चक्कर हालांकि अभी मानसून में आने में करीब 20 दिन बाकी है। गर्मी के कारण धरती भट्टी जैसी तप रही है और हवा के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर दिया है। लू के थपेड़ों के कारण तो कई लोगों को चक्कर आने की शिकायत होने लगी है। इसके अलावा कूलरों में पानी कुछ ही घंटों में खाली हो रहा है। दिनभर लोग गर्मी के तेवर को कोसते रहे। हालांकि रात होते—होते आसमान में काल बादल दिखाई देने लगे।
11 जिलों में भीषण लू के आसार मौसम विभाग की माने तो अगले 24 घंटे में प्रदेश के 11 जिलों में भीषण लू चलेगी। अधिकतम तापमान में लगातार बढ़ोतरी ने अंचलवासियों के पसीने छुड़ा दिए। सीकर में सोमवार सुबह छह बजे हवा में नमी महज नौ फीसदी दर्ज की गई। सूरज के तीखे तेवर के कारण दोपहर में सिर चकराने लगे। तेज धूप में एक मिनट भी खड़े रहना भी मुश्किल हो गया। गर्मी का असर देर रात तक बना रहा।
जितनी गर्मी, उतनी अच्छी बरसात भले ही गर्मी के कारण आमजन बेहाल हो गया हो, लेकिन बुजुर्ग किसानों की माने तो तेज गर्मी अच्छी बरसात का संकेत है। इस बार मई के दूसरे पखवाडे़ और जून की शुरूआत की तेज गर्मी रही है। करीब एक माह तक लगातार तेज गर्मी के कारण जुताई वाले खेतों की जमीन में कीट पतंगे नष्ट हो चुके हैं। जिससे खरीफ सीजन में फसलें रोगमुक्त रहेगी। साथ ही किसानों को बेहतर उत्पादन मिलने की उम्मीद है।