यहां खुलेआम दौड़ रहे ओवरलोड वाहन जिले में हाइवे समेत अन्य सडक़ों पर खुलेआम ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं। इसमें प्रमुख रूप से आगरा-मुंबई हाइवे पर ओवरलोड वाहन दौड़ लगाते हुए देखे जा सकते हैं। ये वाहन आगरा-मुंबई हाइवे पर मध्यप्रदेश की तरफ से सागरपाडा होते हुए मचकुण्ड चौराहे से फ्लाईओवर से थाना सदर, मनियां, बंध बरैठा होते हुए यूपी सीमा की तरफ निकल जाते हैं। इसके अलावा गुलाब बाग चौराहे से बाड़ी रोड और सैंपऊ होते हुए भरतपुर होते ओवरलोड वाहन निकलते हुए देख जा सकते हैं। सैंपऊ रोड से तो अवैध बजरी परिवहन के अलावा गिट्टी भरे ओवरलोड ट्रक व डंपर निकलते हैं। वहीं, बाड़ी, बसेड़ी और सरमथुरा क्षेत्र में खनन सामग्री लदे वाहन निकलते हैं। जिससे सडक़ें दम तोड़ रही हैं।
धर्मकांटे पर होती है ओवलोड वाहनों की तौल हाइवे पर कंक्रीट व मिट्टी के अलावा ओवरलोड भूसा भी निकलता है। इसमें भूसे से लदी ओवरलोड ट्रेक्टर-ट्रालियों की तुलाई तो यहां मचकुण्ड चौराहे के पास ही होती है। लेकिन इसके बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। जबकि यहां यातायात विभाग का प्वाइंट भी है। इन ट्रॉलियों में भूसा करीब आठ से 10 फीट ऊपर तक लादकर परिवहन होता है जो दूसरे वाहनों के लिए खतरनाक साबित होता है। रात के समय तो सामने से आ रहा वाहन नजर तक नहीं आता है और ओवरटेक करते समय वाहन हादसे के शिकार हो जाते हैं।
परिवहन विभाग के चेक प्वाइंट ने मूंद रखी हैं आंखे आगरा-मुंबई हाइवे पर ओवरलोड वाहन या कहे कि तय क्षमता से अधिक माल ढोने वाले वाहनों की भरमार है। यहां मध्यप्रदेश सीमा से जिले में प्रवेश करने के बाद चंबल पुल के पास सबसे पहले पुलिस चौकी पड़ती है। यहां से वाहन आगे सागरपाडा के पास परिवहन विभाग का चेक प्वाइंट है, जहां चौबीस घंटे वाहनों की जांच होती है लेकिन इसके बाद भी ओवरलोड वाहन आसानी से पार हो जाती है। इसके बाद सदर थाने इलाके से वाहन निकलता है। इसी क्षेत्र में डीटीओ कार्यालय और सदर थाना मौजूद है लेकिन यहां भी कोई रोक-टोक नहीं है। इसके बाद मनियां होते हुए वाहन बंध बारैठा चौकी के सामने से होते हुए आगरा जिले की सीमा में घुस जाते हैं। कई किलोमीटर हाइवे पर इन वाहनों को रोकने वाला कोई नहीं है। जबकि बंध बारेठा के पास भी परिवहन विभाग की प्लाइंग टीम वाहनों की जांच करती है।
– हाइवे पर माल ढुलाई और किस वाहन कितना सामान ले जाने के लिए अधिकृत है, यह तय है। हाइवे से कोई गाड़ी निकलती है तो टोल पर बीच-बीच में जांच होती है। तय सीमा से अधिक वजन होने पर डीटीओ और संबंधित एजेंसी को सूचना देते हैं। कार्रवाई उक्त एजेंसी करती है। ओवरलोड वाहनों से सडक़ों को काफी नुकसान पहुंचता है। जिससे कई दफा गड्ढे होने से वाहनों को नुकसान पहुंचता है।
– नकुल अग्रवाल, प्रोजक्ट मैनेजर, पाथ-वे कंपनी
– नकुल अग्रवाल, प्रोजक्ट मैनेजर, पाथ-वे कंपनी