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बाड़ी में चार दिन भी नहीं चले ‘चार लाख; के ब्रेकर

locationधौलपुरPublished: Jun 15, 2020 06:02:20 pm

Submitted by:

Naresh

बाड़ी. कस्बे की नगरपालिका द्वारा वाहनों की स्पीड को कम करने और दुर्घटनाओं पर रोक लगाने एक प्लास्टिक के ब्रेकरों की पोल खुल गई। चार महीने में कस्बे में अधिकांश स्थानों से स्पीड ब्रेकर टूट गए है, गंभीर बात यह है कि जिस कंपनी ने इन ब्रेकरों को लगाया गया था, उसे जानकारी भी दे गई है, लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कस्बे में दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।

The bari did not last four days' four lakhs The breaker

बाड़ी में चार दिन भी नहीं चले ‘चार लाख; के ब्रेकर

बाड़ी में चार दिन भी नहीं चले ‘चार लाखÓ के ब्रेकर
– वाहनों की ठोकरों से उखड़े कस्बे में लगे 600 फीट के बे्रेकर
– नोटिस के बाद भी जयपुर से कंपनी नहीं आई मरम्मत करने
बाड़ी. कस्बे की नगरपालिका द्वारा वाहनों की स्पीड को कम करने और दुर्घटनाओं पर रोक लगाने एक प्लास्टिक के ब्रेकरों की पोल खुल गई। चार महीने में कस्बे में अधिकांश स्थानों से स्पीड ब्रेकर टूट गए है, गंभीर बात यह है कि जिस कंपनी ने इन ब्रेकरों को लगाया गया था, उसे जानकारी भी दे गई है, लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कस्बे में दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका की ओर से जयपुर की एक कम्पनी को प्लास्टिक ब्रेकर लगाने का ठेका दिया गया था, कम्पनी कार्मिको ने सड़क दुर्घटना में सुरक्षा के लिए प्लास्टिक ब्रेकर कस्बे के गली मोहल्लों और कस्बे के मुख्य मार्गों पर लगाए थे, ब्रेकर लगाए जाने का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर चलने वाले वाहन इन ब्रेकरों से स्पीड कम करने और दुर्घटनाएं रोकना था। गत दिसम्बर महीने में लगे इन ब्रेकरों का एक दो महीने में ही यह हाल हुआ की यह ब्रेकर वाहनों की ठोकरों से उखड़ गए, यदि वर्तमान में शहर का अवलोकन किया जाए तो देखने में आएगा की एक दो स्थानों को छोड़कर कई पर भी यह ब्रेकर दिखाई नहीं देंगे, कारण उखड़े हुए ब्रेकरों के ब्लॉक्स को स्थानीय लोग अपने अपने घरों पर ले गए है।
चार लाख में दिया था ठेका
नगर पालिका प्रशासन का कहना है की इन ब्रेकरोंं को लगाने के लिए जयपुर की साद इंटरप्राइजेज कंपनी को चार लाख का ठेका दिया था। जिसने शहर में अलग-अलग पॉइंटो पर इन ब्रेकरों को लगाया था,जो करीब 600 फीट थे, ऐसे में भुगतान लेकर गई कंपनी ने ब्रेकर लगाने के बाद ना तो उनकी देखभाल की ना उनके मरम्मत की सोची और लापरवाही का आलम यह है की नगर पालिका प्रशासन द्वारा कम्पनी को फरबरी महीने में नोटिस जारी किया था। लेकिन कम्पनी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है,कंपनी का कोई कर्मचारी ना तो ब्रेकरों को देखने आया है और न उनकी मरम्मत कराई गई।
बाहर निकली घटिया निर्माण सामग्री
स्पीड ब्रेकरों को लगाते समय सड़कों पर खानापूर्ति की गई थी,जिसकी भी जानकारी नगर पालिका प्रशासन को लोगों द्वारा दी गई, लेकिन उसी समय कोई ध्यान नहीं दिया गया, इसी के चलते कंपनी ने लापरवाही में ब्रेकर को घटिया सामग्री का उपयोग कर लगा दिया गया। हालांकि कंपनी के नगर पालिका से हुए अनुबंध में 6 महीने तक ब्रेकरों की मरम्मत करने और देखभाल की बात कही थी लेकिन यह ब्रेकर एक महीने भी नहीं चले हैं, शहर के गल्र्स स्कूल, धौलपुर रोड, सरमथुरा रोड संत नगर रोड, मोहल्ला होद, मलक पाड़ा, बसेड़ी रोड, बसेड़ी बाईपास, रेलवे फाटक आदि स्थानों से ब्रेकर पूरी तरह उखड़ चुके हैं।
इनका कहना है
नगर पालिका द्वारा जयपुर की कंपनी साद से शहर में 600 फीट ब्रेकर लगाने का अनुबंध किया था,जिन्हें शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगाया गया, कुछ स्थानों से ब्रेकर टूटने और खराब होने की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर कंपनी को नोटिस दिया गया है।
विजय प्रताप सिंह, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, बाड़ी
नगर पालिका में कम्पनी ठेकेदार ने जो अमानत राशि जमा कराई है, उसे रोक लिया गया है,यदि ठेकेदार दूसरे नोटिस के बाद भी कार्यवाही नहीं करता है तो उसकी अमानत राशि जप्त कर ली जाएंगी और फर्म के विरुद्ध नियम अनुसार कार्यवाही होगी।
दीपक गोयल कनिष्क अभियंता नगर पालिका बाड़ी
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