चार लाख में दिया था ठेका
नगर पालिका प्रशासन का कहना है की इन ब्रेकरोंं को लगाने के लिए जयपुर की साद इंटरप्राइजेज कंपनी को चार लाख का ठेका दिया था। जिसने शहर में अलग-अलग पॉइंटो पर इन ब्रेकरों को लगाया था,जो करीब 600 फीट थे, ऐसे में भुगतान लेकर गई कंपनी ने ब्रेकर लगाने के बाद ना तो उनकी देखभाल की ना उनके मरम्मत की सोची और लापरवाही का आलम यह है की नगर पालिका प्रशासन द्वारा कम्पनी को फरबरी महीने में नोटिस जारी किया था। लेकिन कम्पनी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है,कंपनी का कोई कर्मचारी ना तो ब्रेकरों को देखने आया है और न उनकी मरम्मत कराई गई।
बाहर निकली घटिया निर्माण सामग्री
स्पीड ब्रेकरों को लगाते समय सड़कों पर खानापूर्ति की गई थी,जिसकी भी जानकारी नगर पालिका प्रशासन को लोगों द्वारा दी गई, लेकिन उसी समय कोई ध्यान नहीं दिया गया, इसी के चलते कंपनी ने लापरवाही में ब्रेकर को घटिया सामग्री का उपयोग कर लगा दिया गया। हालांकि कंपनी के नगर पालिका से हुए अनुबंध में 6 महीने तक ब्रेकरों की मरम्मत करने और देखभाल की बात कही थी लेकिन यह ब्रेकर एक महीने भी नहीं चले हैं, शहर के गल्र्स स्कूल, धौलपुर रोड, सरमथुरा रोड संत नगर रोड, मोहल्ला होद, मलक पाड़ा, बसेड़ी रोड, बसेड़ी बाईपास, रेलवे फाटक आदि स्थानों से ब्रेकर पूरी तरह उखड़ चुके हैं।
इनका कहना है
नगर पालिका द्वारा जयपुर की कंपनी साद से शहर में 600 फीट ब्रेकर लगाने का अनुबंध किया था,जिन्हें शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगाया गया, कुछ स्थानों से ब्रेकर टूटने और खराब होने की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर कंपनी को नोटिस दिया गया है।
विजय प्रताप सिंह, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, बाड़ी
दीपक गोयल कनिष्क अभियंता नगर पालिका बाड़ी