धौलपुर. नगर परिषद के बेतरतीब कार्यों का बोझ परिषद के खजाने पर पड़ रहा है, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। एसटीपी प्लांट पर मोटर केबिल में फॉल्ट आने के बाद छह माह से जनरेटर से कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए परिषद प्रतिदिन 280 लीटर डीजल की खपत हो रही। यानी परिषद पानी निकालने के नाम पर एक दिन के 25000 रुपए खर्च कर रही है।शहर के चेम्बरों में बहने वाले दूषित पानी को खेती योग्य बनाने के लिए तगावली स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की आधारशिला रखी गई थी। लेकिन कुछ खामियों के चलते एसटीपी प्लांट का पुन: निर्माण कराया जा रहा है। जिस कारण प्लांट बंद होने से पानी को पंप के सहारे बीहड़ों में छोड़ा जा रहा था, लेकिन विगत छह माह पहले कार्य के चलते पंप की इलेक्ट्रॉनिक लाइन में फॉल्ट होने के कारण पंप बंद करना पड़ा। जिसके बाद परिषद ने जनरेटर लगाकर पंप को प्रारंभ करवाया। जिसके बाद 18 जुलाई से पंप डीजल के सहारे बदस्तूर जारी है। जिस पर प्रतिदिन का 25200 रुपए खर्चा आ रहा है। लेकिन अभी तक लाइन में आई फॉल्ट को सही नहीं कराया गया है।
प्रतिदिन 280 लीटर डीजल हो रहा खर्च माली हालत से जूझ रहे नगर परिषद के हाल बड़े निराले हैं। एसटीपी प्लांट पर पानी को बीहड़ों में छोडऩे के नाम पर 18 जुलाई से जनरेटर के सहारे पंप चल रहा है। पंप ठेकेदार के अनुसार पंप 24 घंटे में लगभग 20 घंटे चलता है। इस दौरान जनरेटर पर एक घंटे में 14 लीटर डीजल की खपत होती है। यानी एक दिन में 20 घंटे के अनुसार प्रतिदिन 280 लीटर डीजल जनरेटर पर खर्च हो रहा है। जिसका 90 रुपए प्रति डीजल के भाव से 250200 रुपए होता है। यह हाल पिछले 18 जुलाई से बदस्तूर जारी है। यानी पिछले छह माह के खर्चे को देखा जाए तो नगर परिषद अभी तक डीजल पर ही 35 लाख 53 हजार 200 रुपए खर्च कर चुका है। जो कि एक बड़ी राशि होती है। देखने वाली बात यह है कि यह खर्च भी परिषद ने तब किया जब उसकी आर्थिक स्थिति पहले सही डांवाडोल है।
कछुआ चाल से चल रहा नए एसटीपी प्लांट कार्य तंगावली स्थित पुराने एसटीपी प्लांट के पास ही अमृत 2.0 योजना के तहत एक नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य भी कछुला चाल से चल रहा है। यह ट्रीटमेंट प्लांट शहर के विस्तार लेने और आने वाले समय में सीवरेज से अधिक पानी प्लांट तक पहुंचने को ध्यान में रखते हुए निर्माण हो रहा है। नए एसटीपी प्लांट में चौबीस घंटे में 10 एमएलडी पानी ट्रीट हो सकेगा। वहीं, पुराने प्लांट में भी इतना ही पानी ट्रीटमेंट होकर बाहर फेंका जाएगा। शहर में चेम्बरों से जल निकासी ना होने के कारण जगह-जगह चेम्बर उफान मार रहे हैं। जिस कारण शहरवासी भी प्लांट जल्द बनने की राह देख रहे हैं। जिस कारण उनको इन गंदे उफनते नालों से मुक्ति मिलेगी।
क्षमता से नहीं खींच रहा पानीबता दें कि शहर में सीवरेज लाइनों से क्षमता से पानी नहीं खींच पा रहा है। शहर में कई इलाकों में सीवरेज के चैम्बरों से गंदा पानी बाहर निकल रहा है। जिससे लोग परेशान हैं। उधर, सीवरेज की सफाई भी नहीं होने से भी समस्या सामने आ रही है। हालांकि, जनरेटर बिजली के मुकाबले पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रहा है।
——-महीना कितने दिन डीजल रुपए जुलाई 14 दिन 3920 3 लाख 52 हजार 800 अगस्त 31 दिन 8680 7 लाख 81 हजार 200 सितम्बर 30 दिन 8400 7 लाख 56 हजार
अक्टूबर 31 दिन 8680 7 लाख 81 हजार 200 नवम्बर 30 दिन 8400 7 लाख 56 हजार दिसम्बर 5 दिन 1400 1 लाख 26 हजार नोट:डीजल प्रति लीटर में दिया गया है।