सैंपऊ. कस्बे का राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय लंबे समय से एक पुराने भवन में संचालित है। यहां कोठरीनुमा कक्षों में जगह व रोशनी तथा ताजी हवाके अभाव में बालिकाओं की पढ़ाई बाधित हो रही है।
कस्बे के लोगों ने बताया कि यह भवन विद्यालय के दान में मिला था। इस भवन में कोठरीनुमा कक्ष बने हुए हैं। इनमें रोशन व ताजी हवा आने के लिए पर्याप्त खिड़की व रोशनदान आदि का अभाव है। यहां कक्ष छोटे होने के कारण बालिकाओं को बैठने में भी परेशानी होती है। यहां बालिकाओं का पढऩा तो दूर, उनका बैठना भी दूभर हो रहा है। इस समस्या के बारे में स्थानीय लोगों की ओर से सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारियों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
खाली पड़ा है बड़ा भवन
कस्बे में ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का पुराना भवन अनुपयोगी पड़ा हुआ है। जिसमें करीब 10 कमरे है। जिसमें से पांच उपयोगी और पांच अनुपयोगी है। इस भवन में बालिका विद्यालय को शिफ्ट कराने का मामला भी कई बार उठा लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
दो पद रिक्त
बालिका विद्यालय में भवन की तो कमी चल रही है। वहीं अध्यापक भी पूरे नहीं है।
व्याख्याताओं के तीन पद स्वीकृत है लेकिन केवल एक ही व्याख्याता कार्यरत होने के कारण कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है। विद्यालय की 350 छात्राओं का भविष्य भवन व व्याख्याताओं की कमी के चलते अंधकार में है।
बरामदे में बनाया स्टोर
वर्तमान में बालिका विद्यालय भवन का तो अभाव है ही व कुछ बरामदों में सामान अव्यवस्थित तरीके से पड़ा होने के कारण भी छात्राओं को परेशानी होती है।
भवन के अभाव में विद्यालय की स्थिति खराब है। यहां बालिकाओं को पढऩे में परेशानी होती है। इस संबंध में कईबार अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। – कृष्णा कुमारी, प्रधानाचार्य राउमाबा विद्यालय सैंपऊ