इसलिए करने पड़ रहे रोडवेज बसों के शिड्यूल निरस्त…जानें कारण
धौलपुरPublished: Aug 20, 2019 02:20:55 pm
राजस्थान रोडवेज में यात्री भार को लेकर इन दिनों वैसे ही सुस्ती का आलम चल रहा है, वहीं संविदाकर्मी रोडवेज बस चालकों की एक सप्ताह से चल रही हड़ताल कोढ़ में खाज का काम कर रही है। प्लेसमेंट एजेंसी सहारा की ओर से उपलब्ध कराए गए रोडवेज बस चालक विभिन्न समस्याओं को लेकर एक सप्ताह से हड़ताल कर धरने पर बैठे हुए हैं। इसके चलते धौलपुर आगार को चार बसों के शिड्यूल निरस्त करने पउ़े हैं।
इसलिए करने पड़ रहे रोडवेज बसों के शिड्यूल निरस्त…जानें कारण
प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ दे रहे धरना
धौलपुर. राजस्थान रोडवेज में यात्री भार को लेकर इन दिनों वैसे ही सुस्ती का आलम चल रहा है, वहीं संविदाकर्मी रोडवेज बस चालकों की एक सप्ताह से चल रही हड़ताल कोढ़ में खाज का काम कर रही है। प्लेसमेंट एजेंसी सहारा की ओर से उपलब्ध कराए गए रोडवेज बस चालक विभिन्न समस्याओं को लेकर एक सप्ताह से हड़ताल कर धरने पर बैठे हुए हैं। इसके चलते धौलपुर आगार को चार बसों के शिड्यूल निरस्त करने पउ़े हैं। इससे यात्रियों को भारी परेशानी के साथ रोडवेज को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ये चार शिड्यूल निरस्त
रोडवेज आगार सूत्रों के अनुसार धौलपुर रोडवेज डिपो में कुल 150 बस चालक हैं। इनमें से 121 चालक रोडवेज के नियमित कर्मचारी हैं, जबकि 29 चालक निजी प्लेसमेंट एजेंसी सहारा कम्पनी की ओर से उपलब्ध कराए हुए हैं। इनके हड़ताल पर रहने के कारण धौलपुर-कैलादेवी के दो, धौलपुर-राजाखेड़ा तथा धौलपुर-आगरा शटल बस सेवा के शिड्यूल निरस्त चल रहे हैं। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। उन्हें निजी बसों से यात्रा करनी पड़ रही है।
क्या है मामला
राजस्थान रोडवेज सहारा चालक कर्मचारी संघ के स्थानीय अध्यक्ष राजेन्द्र राय, सचिव प्रमोद शर्मा, बलवीर तोमर, रामभरत त्यागी, हरिप्रकाश, रविकांत त्यागी आदि ने बताया कि सहारा कम्पनी की ओर से उनको रोडवेज में चालक पद पर नियुक्त किया था।
लेकिन रोडवेज सहारा को प्रति चालक 13 हजार रुपए से अधिक का मानदेय भुगतान करती है, जबकि कम्पनी की ओर से उनको केवल 6800 रुपए का ही भुगतान किया जाता है। वहीं उनकी ईएसआई के पेटे राशि कटौती की जाती है, लेकिन उनको आज तक कार्ड नहीं दिया गया है। इससे उनको इलाज की सुविधा नहीं मिलती है। वहीं अन्य परिलाभ भी नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने रोडवेज प्रबंधन से उनको नियमित करने की मांग की है।
अध्यक्ष ने बताया कि प्रांत से मिली सूचना के आधार पर रोडवेज प्रबंधन ने उनके एक प्रतिनिधिमण्डल को वार्ता का विकल्प दिया है। उनका यह भी कहना था कि न्याायालय ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे रोडवेज चालकों को हटाया नहीं सकता है। इस दौरान कर्मचारियों ने रोडवेज कार्यशाला के गेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान सीटू के प्रांतीय उपाध्यक्ष भगवानसिंह कुशवाह ने सम्बोधित किया।
हो रहा है राजस्व का नुकसान
रोडवेज आगार में कुल 150 बस चालक हैं। इनमें से 121 स्थायी तथा 29 चालक प्लेसमेंट एजेंसी से लगे हुए हैं। इनकी मांग नियमित करने तथा पूरा मानदेय भुगतान करने की है। इनके हड़ताल पर होने से रोडवेज को चार बसों का शिड्यूल निरस्त करना पड़ा है। इससे राजस्व की हानि हो रही है, वहीं यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुनीत कुमार द्विवेदी, प्रबंधक, संचालन, रोडवेज आगार, धौलपुर।