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ट्रेन-बस ने रोका हजारों का रोजगार

locationधौलपुरPublished: May 26, 2020 08:31:01 pm

Submitted by:

Naresh

धौलपुर. किसी को सता रहा नौकरी जाने का डर….किसी को परिवार खर्च की समस्या…तो किसी को भविष्य के हालातों की चिंता…कुछ ऐसे ही माहौल में मजबूर बने हुए जिले की सीमावर्ती राज्यों के विभिन्न शहरों में रोजगार के लिए नियमित आने-जाने धौलपुर के हजारों लोग।

Train-bus stopped thousands of jobs

ट्रेन-बस ने रोका हजारों का रोजगार

ट्रेन-बस ने रोका हजारों का रोजगार
-सड़क मार्ग पर लगी है पड़ोसी राज्यों के आवागमन पर पाबंदी
-प्रतिदिन हजारों लोग फैक्ट्री व निजी क्षेत्र में जाते है पड़ोसी प्रदेशों में
-दैनिक यात्री सेवा समिति ने उठाई आवागमन शुरू करने की मांग
धौलपुर. किसी को सता रहा नौकरी जाने का डर….किसी को परिवार खर्च की समस्या…तो किसी को भविष्य के हालातों की चिंता…कुछ ऐसे ही माहौल में मजबूर बने हुए जिले की सीमावर्ती राज्यों के विभिन्न शहरों में रोजगार के लिए नियमित आने-जाने धौलपुर के हजारों लोग। एक ओर रेल-रोडवेज बसों का संचालन बंद है, तो वहीं धौलपुर के सीमावर्ती उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमाओं पर हर आने-जाने वाले पर सख्ती। ऐसे में दैनिक यात्री सेवा समिति से जुड़े लोग आवागमन शुरू करने को लेकर जगह-जगह गुहारें लगाने को मजबूर है। समिति को हर बार प्रशासनिक अधिकारियों और राजनैतिक लोगों ने उन्हें केवल जल्द आवागमन शुरू होने के आश्वासन तो मिल रहे है। वहीं, सीमावर्ती राज्यों के विभिन्न शहरों में रोजगार के लिए जाने वाले धौलपुर के अनेक लोगों एवं वहां से आने वालों के समक्ष अंतरराज्यीय आवागमन की अनुमति नहीं मिलने से आर्थिक तंगी सहित बेरोजगार होने की समस्या भी उत्पन्न हो गई है।
उल्लेखनीय है कि धौलपुर शहर और आस-पास के विभिन्न कस्बों व गांवों से रहने वाले हजारों लोग प्रतिदिन उत्तरप्रदेश के आगरा व मथुरा तथा मध्यप्रदेश के मुरैना व ग्वालियर नगरों व इनके आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों में व अन्य प्रतिष्ठानों में नौकरी करने जाते हैं। इनके अलावा अनेक लोगों के इन नगरों व औद्योगिक क्षेत्रों में स्वयं के उद्योग व अन्य प्रकार के व्यवसाय भी हैं। इन क्षेत्रों में काम करने वाले अथवा इन उद्योगों के संचालक प्रतिदिन सुबह यात्री रेल गाडिय़ों, बसों अथवा निजी वाहनों सहित विभिन्न यातायात साधनों से जाते हैं और इन्हीं माध्यमों से शाम को धौलपुर भी लौटते हैं।
घर पर आर्थिक संकट
दैनिक यात्रा सेवा समिति के महासचिव गोपाल दुबे, समिति से जुड़े सुभाष शर्मा, राजू आदि ने बताया कि जिले में बड़ी संख्या में लोग प्रति दिन आवागमन करने वालों में शामिल है। ये लोगों अधिकांश निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में काम करने वाले हैं। करीब दो माह से रोजगार से वंचित होने के चलते निजी क्षेत्र के कामगारों के सामने जहां आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है, वहीं फैक्ट्री मालिकों द्वारा उनके स्थान पर किसी अन्य को काम पर रख लिए जाने से वे बेरोजगार भी हो जाएंगे। इसलिए हर किसी को नौकरी जाने का डर सता रहा है।
बुला रहे है, पर जाएं कैसे
दैनिक यात्रा समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि वह जिन स्थानों पर उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा एवं मध्य प्रदेश के मुरैना, ग्वालियर में जिन निजी स्थानों पर काम करते है, वहां से उन्हें काम करने के लिए बुलाया जा रहा है। लेकिन धौलपुर से इन स्थानों तक पहुंचने के लिए ना तो रोडवेज बसें चल रही है, और ना ही ट्रेन की सुविधा है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति सड़क के रास्ते अपने निजी वाहनों से पड़ोसी राज्यों में जाता है तो वहां भी पाबंदी लगी हुई है। लोगों ने बताया कि अधिकांश फैक्ट्रियों में रहने की सुविधा नहीं हैं, जिससे वे वहां नहीं रह सकते, और वे स्वयं किराए पर कमरा लेकर रहना भी चाह रहे हैं, तो इन दिनों कोई उन्हें किराए पर मकान देने को भी तैयार नहीं है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि वे जिस तरह का काम जानते हैं, वैसा काम धौलपुर में उपलब्ध भी नहीं है। इसके चलते वे चाहकर भी धौलपुर में काम नहीं कर पा रहे हैं।
धौलपुर की फैक्ट्रियों पर संकट के बादल
धौलपुर जिले के अधिकांश औद्योगिक इकाईयां के मालिक आगरा, मथुरा, मुरैना, ग्वालियर, फरीदाबाद व दिल्ली के रहने वाले है। इसके अलावा इन इकाइयों में काम करने वाले कुशल कारीगर भी प्रतिदिन सुबह पड़ोसी राज्यों के विभिन्न जिलों से धौलपुर आते तथा शाम को वापस लौटते हैं। ऐसे में जिले में फैक्ट्री खोलने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन आवागमन के साधन नहीं होने के कारण ये लोग भी धौलपुर नहीं पहुंच पा रहे है।
आवागमन शुरू करने की गुहार
दैनिक यात्री सेवा समिति के महासचिव गोपाल दुबे ने बताया कि दैनिक यात्रा करने वाले लोगों को आ रही परेशानी के चलते राज्य के मुख्यमंत्री, सांसद व विधायक सहित जिला कलक्टर को भी मेल भेज कर इस समस्या से अवगत कराया है। प्रतिदिन यात्रा करने वालों में अनेक तो विभिन्न राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार के कर्मचारी भी शामिल हैं।
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