धौलपुर

मौसम की मार, एक बैड पर तीन मरीजों का उपचार

दिन में धूप तथा रात को तापमान में गिरावट लोगों को बीमार कर रही है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में अधिकांशत बुखार से पीडि़त हैं। वहीं जांच कराने पर किसी को डेंगू तो किसी को चिकनगुनिया बुखार से पीडि़त बताया जा रहा है। ऐसे में मरीजों की भरमार होती जा रही है।

धौलपुरNov 18, 2019 / 10:52 am

Mahesh gupta

मौसम की मार, एक बैड पर तीन मरीजों का उपचार

धौलपुर. दिन में धूप तथा रात को तापमान में गिरावट लोगों को बीमार कर रही है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में अधिकांशत बुखार से पीडि़त हैं। वहीं जांच कराने पर किसी को डेंगू तो किसी को चिकनगुनिया बुखार से पीडि़त बताया जा रहा है। ऐसे में मरीजों की भरमार होती जा रही है।
दिन में जहां तापमान 28 डिग्री तक पहुंच रहा है, वहीं रात में तापमान गिरकर 18 डिग्री तक आ जाता है। ऐसे में मौसम के उतार-चढ़ाव का असर लोगों पर हो रहा है। मरीजों की अधिकता के चलते चिकित्सालय में बैड भी कम पडऩे लगे हैं। स्थिति यह है कि वार्ड ओवरलोड हो गए हैं। वार्डों में बैडों की क्षमता से दो से तीन गुने मरीज भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में एक-एक बैड पर तीन-तीन मरीजों का उपचार किया जा रहा है। वहीं रात को भी जमीन पर कम्बल बिछाकर उपचार देना मजबूरी हो गई है। तीन सौ बैड के चिकित्सालय में रोज औसतन 350 मरीज भर्ती हो रहे हैं। वहीं एक-एक मरीज के साथ तीन से चार तीमारदार भी आते हैं। ऐसे में वार्ड खचाखच भरे हुए हंै।
आउटडोर 1600, इनडोर 350
सर्दी शुरू होने के बाद भी चिकित्सालय में आउटडोर 1600 तक चल रहा है, जबकि इनडोर मरीजों की संख्या प्रतिदिन औसतन 350 हो रही है। ऐसे में स्टाफ की कमी भी दिक्कत पैदा करती है।
90 मरीज डेंगू से पीडि़त
राजकीय चिकित्सालय में वर्तमान में करीब 90 मरीज डेंगू बुखार से पीडि़त हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। डेंगू का प्रकोप बढऩे के पीछे चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का मरीज साफ पानी में रहता है और लोग दिन में कम कपड़े पहनते हैं। वहीं रात को भी ओढ़ कर नहीं सोते हैं। ऐसे में मच्छर दिन में काटता है और अपनी चपेट में ले लेता है।
50 हजार प्लेट्लेट्स, तो ही डेंगू की जांच
वर्तमान में भर्ती मरीजों की सीबीसी जांच कराने पर प्लेट्लेट्स कम आती है। ऐसे में हर कोई मरीज डेंगू की आशंका में जांच कराना
चाहता है।
लेकिन चिकित्सालय में 50 हजार प्लेट्लेट्स से कम होने पर ही डेंगू की जांच की जाती है। ऐसे में लोग निजी लैबों पर जांच करा रहे हैं। जहां पर एनएस 1 की पुष्टि की जा रही है।
बैड 32, मरीज 67
महिला मेडिकल वार्ड में 32 बैड लगे हुए हंै। लेकिन वर्तमान में 67 महिला मरीज भर्ती हंै। ऐसे में हर बैड पर दो-दो मरीज तो भर्ती हैं ही। किसी बैड पर तीन-तीन मरीज भर्ती करने पड़ रहे हैं। इस वार्ड में शनिवार को ही दोपहर एक बजे तक 32 मरीज भर्ती हुए। यही हाल मेल मेडिकल वार्ड का है।

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