scriptविदा हुई तो फरिश्ते भाई के गले लग फफक पड़ी दुल्हनें | When the departed bride fell on her face, the bride broke into a hug | Patrika News

विदा हुई तो फरिश्ते भाई के गले लग फफक पड़ी दुल्हनें

locationधौलपुरPublished: Feb 17, 2020 10:59:20 am

Submitted by:

Mahesh Gupta

तीर्थराज मचकुण्ड परिसर रविवार को 51 नवविवाहित जोड़ों का साक्षी बना। इस दौरान पूरा परिसर शादी के पाण्डालों के सजा हुआ था। सजी-धजी दुल्हनों ने अपने जीवन साथी के साथ सात फेरे लेकर सात जनमों तक साथ रहने की कसमें खाईं।

विदा हुई तो फरिश्ते भाई के गले लग फफक पड़ी दुल्हनें

विदा हुई तो फरिश्ते भाई के गले लग फफक पड़ी दुल्हनें

विदा हुई तो फरिश्ते भाई के गले लग फफक पड़ी दुल्हनें
राजस्थान, मध्यप्रदेश के दो दर्जन से अधिक गांवों की सर्वसमाज के वर-वधु हुए शामिल
हिन्दू, मुस्लिम, सिख धर्म के जोड़े भी हुए शामिल
धौलपुर. तीर्थराज मचकुण्ड परिसर रविवार को 51 नवविवाहित जोड़ों का साक्षी बना। इस दौरान पूरा परिसर शादी के पाण्डालों के सजा हुआ था। सजी-धजी दुल्हनों ने अपने जीवन साथी के साथ सात फेरे लेकर सात जनमों तक साथ रहने की कसमें खाईं। आयोजक अनिल अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान, मध्यप्रदेश के करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में निर्धन परिवारों की युवतियां का रीति-नीति से विवाह करवाया। सुबह से लेकर शाम तक हजारों लोगों ने सम्मेलन में शिरकत की। कार्यक्रम में धौलपुर में जज रह चुके सुरेश प्रकाश भट्ट, अरुण गर्ग, सभापति कमल कंसाना, उप सभापति इसरार खान सहित शहर के गणमान्य लोग शामिल हुए।
इस दौरान वर-वधु पक्ष के लिए अलग-अलग टेंट लगाए गए। वहीं भोजन व्यवस्था भी की गई थी। अग्रवाल की ओर से यह पांचवा सामूहिक विवाह सम्मेलन था। अब तक कुल 196 युवतियां का विवाह करवा चुके हैं।
196 बहनों को भी बुलाया
समारोह में सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि अब तक विवाह सम्मेलनों में विवाह कर चुके जोड़ों को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के बाद सभी को कम्बल, सूट तथा नकद राशि भेंट की गई।
यह उपहार दिए
धौलपुर में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में उपहार दिए गए। इस दौरान पलंग, फ्रीज, आलमारी, टीवी, कूलर, सिलाई मशीन, बक्सा, कुर्सी टेबल, बर्तन,
दुल्हन व दूल्हे का सामान, मंगलसूत्र, नथ, टॉप्स, बिछिया, अंगूठी, ज्वैलरी सैट सहित करीब डेढ़ लाख रुपए के उपहार दिए गए। वहीं कन्यादान के रूप में शहरवासियों ने जमकर उपहार दिए।
इन गांवों के जोड़े शामिल
करौली, मण्डरायल, श्योपुर, शिवपुरी, मासलपुर, गुबरेडा, करौली, भमपुरा धौलपुर, श्यामपुर, कसेड़, कैलादेवी, रघुनाथपुरा, ग्वालियर सहित दर्जन भर जिलों के गांवों की युवतियां शामिल हैं।
निर्धनों के आंसू पौछने का काम किया है
समारोह में पहुंचे जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि अग्रवाल परिवार ने निराश्रित बालिकाओं का इतने शानदार तरीके से विवाह करके अनुकरणीय पहल की है। यह कार्य दूसरों के आंसू पौछने जैसे है। अनिल अग्रवाल वर्ष भर में तीन माह खाना-पीना भूल जाते हैं। उनके बेटों ने बताया कि गरीबी क्या है, जीवन क्या है। सबसे बड़ी बात है स्वयं के खर्चों को सीमित करके इस प्रकार के समारोह के लिए राशि जोडऩा। अपनी स्वयं की इच्छाओं को सीमित रखना और दूसरों, समाज के लिए जीना ही उल्लेखनीय कार्य है। यह लोगों के लिए उदाहरण की तरह पेश होगा। उन्होंने लोगों से भी इस प्रकार के आयोजनों को करने के लिए आगे आने की बात कही। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समिति के सचिव शक्तिसिंह, आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम गर्ग, मुरारीलाल सिंहल, पूर्व जिला प्रमुख किशन चन्द शर्मा, दुर्गादत्त शर्मा, मास्टर नेमीचंद मित्तल आदि मौजूद थे।
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