‘मित्र का रिश्ता सभी रिश्तों से हटके’ धौलपुर. शहर के दस दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा मे श्रीकृष्ण भगवान का रुक्मणी के साथ विवाह की कथा सुनाई। आचार्य केशव देव शास्त्री ने कहा कि कृष्ण भगवान के 16108 विवाह हुए। शास्त्री ने आज की कथा में सुदामा और सुशीला के चरित्र का वर्णन किया। बताया कि कृष्ण सुदामा के परम मित्र थे। उनकी मित्रता निभाने के लिए कृष्ण ने दो मु_ी चावल के बदले सुदामा को दो लोक दे दिए। ऐसी ही मित्रता होनी चाहिए। मित्र पर दुख आए तो दुख में साथ देना चाहिए। सुख हो तो सुख में साथ रहना चाहिए। दु:ख देने वाले को कभी नहीं भूलना चाहिए। मित्र चाहे गरीब हो या अमीर हो मित्र-मित्र होता है। मित्र का रिश्ता सभी रिश्तों से हटके होता है। इसलिए हमें भगवान से सीख लेनी चाहिए कि हमें कभी किसी भी चीज का अहंकार नहीं करना चाहिए। भागवत कथा सुनने से व करवाने से पूर्वजों का कल्याण होता है। हमें अपने माता पिता की सेवा करनी चाहिए। भगवान की आराधना व पूजा के साथ-साथ अपने जन्म देने वाले माता पिता आदि का भी सम्मान करना चाहिए। जिससे बच्चों में अच्छे संस्कार आएंगे। परीक्षित स्वरूप गिरी महंत ने प्रसादी वितरित की। राजवीर शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।