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पाचन व उससे जुडे हर सवाल का जवाब जानें

पाचन तंत्र कमजोर होने से भोजन को ऊर्जा में बदलने की क्षमता कमजोर हो जाती है। पाचन क्रिया के बारे में विशेषज्ञ से पत्रिका हेल्थ टीम ने की विशेष बातचीत…

जयपुरMay 24, 2019 / 07:03 pm

Ramesh Singh

पाचन व उससे जुडे हर सवाल का जवाब जानें

आज वल्र्ड डाइजेस्टिव हेल्थ डे है। पाचन तंत्र भोजन को पचाने का काम करता है। इसके लिए दांत, मुंह, लार ग्रंथियां, छोटी आंत, आहार नाल व बड़ी आंत प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इस दौरान आंतें भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं। शरीर से अपशिष्ट पदार्थ (मल-मूत्र) भी बाहर निकालती हैं।
सवाल : पाचन तंत्र क्या है। भोजन कैसे पचता है?
खाना 32 बार चबाना चाहिए। खाने में लार मिलकर आहार नाल से अमाशय में जाती है। यहां गैस्ट्रिक जूसेज मिक्स होकर छोटी आंत में जाता है। इसके बाद आंतों की ग्रंथियां पोषक तत्वों को अवशोषित कर बचे खाने को अपशिष्ट के रूप में निकाल जाता है।
सवाल : खाने को 32 बार चबाने की बात क्यों कही जाती है?
तेजी से खाने से लार अच्छी तरह से न घुलने से खट्टी डकारें, पेट फूलना, भारीपन होता है। लार में अमाइलेज एंजाइम पाया जाता है जो खाने को सही से पचाने में मदद करता है। इससे एसिडिटी की समस्या बढ़ती है। जो बाद में पेप्टिक अल्सर व कैंसर में बदल जाती है।
सवाल : अच्छे पाचन के लिए पानी कब, कितना व कैसे पीना चाहिए?
भोजन से 30 मिनट पहले पानी पीना फायदेमंद, भोजन के दौरान एक गिलास पानी पी सकते हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता है। खाने के बाद 45-60 मिनट पानी नहीं पीना चाहिए। पहले पीने से पाचन में दिक्कत, अपच, पोषक तत्वों की अवशोषण की क्षमता कमजोर होती है।
सवाल : क्या आंतें भी आलसी (सुस्त) हो जाती हैं?
आंतों के सुस्त होने से पाचन खराब हो जाता है। संक्रमण, टायफाइड होने पर भी इनमें संकुचन, फैलाव कम हो जाता है। ज्यादातर 50 उम्र के बाद शरीर में सोडियम, पोटैशियम व क्लोराइड जैसे तत्वों की कमी से भी यह दिक्कत होती है। इससे कब्ज, डायरिया होता है।
सवाल : संतुलित भोजन में तरल व सॉलिड चीजों का अनुपात कितना होना चाहिए?
अमाशय की क्षमता एक से डेढ़ लीटर होती है। भोजन के समय करीब तिहाई हिस्सा खाली रखें। 50 प्रतिशत सॉलिड व 20-25 प्रतिशत तरल चीजें लेना चाहिए। खाने से आधे घंटे पहले फाइबरयुक्त चीजें पपीता, चुकंदर, ककड़ी आदि लें। जूस की बजाय फल खाएं। फाइबर लिवर को भी मजबूत करने का काम करता है। यह मोटापा नियंत्रित करता है।
सवाल : बाएं करवट सोने के लिए क्यों कहा जाता है?
खाने के बाद बायीं तरफ लेटने से अमाशय में पाचक रसों का स्राव आसानी से होता है। खाना खाने के बाद दाएं करवट सोने से यह प्रक्रिया बाधित होती है,जिससे अपच व कब्ज की दिक्कत होती है। पोषक तत्वों के अवशोषित करने की क्षमता घटती है। इससे जोड़ों, हड्डियों का दर्द भी बढ़ता है। रात में खाने के बाद 30 मिनट तक टहलना चाहिए। रात में दही नहीं खानी चाहिए। सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज व फल (खट्टे न हों) लेना चाहिए।
एक्सपर्ट : डॉ. जीवन कांकरिया, सीनियर लैप्रोस्कोपिक सर्जन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर

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