इन दिनों ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। महिलाओं को यह सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला कैंसर है। हालांकि कुछ मामलों में इसकी रोकथाम व्यक्ति के हाथ में नहीं होती जैसे कैंसर की फैमिली हिस्ट्री, नॉन कैंसरस ब्रेस्ट डिजीज की हिस्ट्री, घने ब्रेस्ट टीशूज या कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाली जेनेटिक कंडीशन। लेकिन कम से कम 25 से 35 फीसदी मामलों में सामान्य कदम उठाकर रोकथाम की कोशिश की जा सकती है।
फिजिकली एक्टिव रहें - नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और शारीरिक रुप से सक्रिय रहना ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करता है। इसलिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हुए कम से कम 40 मिनट वॉकिंग, साइकिल चलाने, रोप जंपिंग, जॉगिंग, एरोबिक, स्विमिंग और योगासन जैसे उपाय अपनाएं।
अच्छी नींद लें - आपके शरीर को हर रोज कम से कम 7 घंटे का शारीरिक और मानसिक आराम चाहिए। इसलिए रात को सात घंटे सुकून की नींद सोएं। रात को ठीक से नींद न लेना कई मानसिक व शारीरिक बीमारियों का सबब बन सकता है और साथ ही ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
अच्छी डाइट लें- वसा युक्त भोजन से तौबा करें और अपनी डेली डाइट में फल, सब्जियां, दालें, सूखे मेवे, सीड्स, लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट (दूध, दही, पनीर) आदि शामिल करें। हैल्थ एक्सपर्टस का मानना है कि हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्तागोभी, खीरा और लेट्यूस जैसी सब्जियां कुछ तरह के ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम करती हैं, कैल्शियम और कैरोटीनॉयड्स (खूबानी, गाजर, पालक) आदि का सेवन भी अच्छा माना जाता है।
स्मोकिंग, अल्कोहल बाय-बाय - स्मोकिंग और ड्रिन्किंग की आदत तमाम अन्य बीमारियों के साथ-साथ ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क भी बढ़ाती हैं। इसलिए इनसे दूर रहने में ही फायदा है। जो महिलाएं दोनों नशे एक साथ करती हैं उनमें यह खतरा और भी बढ़ जाता है।
ब्रेस्ट फीडिंग कराएं - अध्ययन बताते हैं अपने बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम कम रहता है। इसलिए अपने बच्चे को जहां तक संभव हो, लंबे समय तक स्तनपान कराएं। इससे बच्चा भी हैल्दी रहेगा और आप भी।
वेट कंट्रोल - मोटापा, ओवरवेट होना या अचानक शरीर का वजन बढऩा ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है। मेनोपोज के बाद ऐसा होने से जोखिम और भी बढ़ जाता है। इसलिए अपना वजन मेंटेन रखें। खुद को हैल्दी वेट की रेंज में रखने का सबसे बढिय़ा तरीका है बीएमआई के मुताबिक वेट मेंटेन करना।