शोध के प्रमुख लेखक, प्रोफेसर सुजैन डिकसन ने कहा कि शोध के दौरान खराब खानपान और चिंता व अवसाद जैसे मूड विकारों के बीच एक लिंक के बढ़ते प्रमाण मिले हैं। हालांकि, शोध में इस बात का भी पता चला है कौन से आहार विशेष रूप से फायदा पहुंचाते हैं, जैसे कि उच्च वसा और कम कार्बोहाइड्रेट आहार (एक केटोजेनिक आहार) मिर्गी पीड़ित बच्चों के लिए मददगार है। वहीं थकान, कमजोर याददाशत और अवसाद जैसे लक्षण विटामिन बी 12 की कमी का सकेंत देते हैं।
मेडिटेरियन डाइट, जो सब्जियों और जैतून के तेल में समृद्ध है, को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा पाया गया। यह आहार अवसाद और चिंता से सुरक्षा करने में मददगार है। डिकसन ने कहा कि व्यक्तिगत परिस्थितियों अनुसार भी परिणामों में भी भिन्नता देखी गई, उदाहरण के लिए एडीएचडी ADHD, आहार में परिष्कृत चीनी के उपयोग से एडीएचडी और हाईपर एक्टिविटी बढ़ती है, जबकि अधिक ताजे फल और सब्जियां खाने से इन स्थितियों से बचाव होता है। लेकिन लम्बे समय तक क्या प्रभाव रहेंगे, इसके संबंध में शोध का अभाव है।
शोध में यह निष्कर्ष निकालता है कि आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के लिंक को साबित करने के लिए अभी और शोधों की आवश्यकता है। क्योंकि अभी यह साबित करना मुश्किल है कौन सा आहार निश्चित रूप से मानसिक स्वास्थ्य में योगदान देगा।