1. मुंह से आहार नाल तक
खाना खाते समय मुंह से निकलने वाली लार में पाचक एंजाइम्स होते हैं। यह भोजन को पचाने में मदद करते हैं। इसके बाद खाना आहार नाल से होते हुए। अमाशय में जाता है।
2. अमाशय
अमाशय में आहार को पचने के लिए ढाई से चार घंटे लगते हैं। अमाशय की दीवारों से गैस्ट्रिक एसिड स्रावित होता है। तीन तरह के एसिड हाइड्रोक्लोरिक भोजन में अम्लीयता को बढ़ाता है। पेप्सीन एसिड छोटे कणों को बनाने के लिए भोजन में प्रोटीन का पाचन करता है। भोजन छोटे टुकड़ों में टूटकर एक अर्ध-ठोस पेस्ट बनता है।
3.छोटी आंत
यहां भोजन पचाने की प्रक्रिया डेढ़ से तीन घंटे चलती है। आंतों में ग्रंथियां भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं। छोटी आंत विटामिन, बी-12, मिनरल्स कैल्शियम, मैग्नीशियम व प्रोटीन अवशोषित करती हैं। भोजन से 90 प्रतिशत पोषक तत्व ले लेती है।
4. बड़ी आंत पानी को सोखती है
बड़ी आंत पानी को सोखकर अवशेष (मल) को बाहर निकालती है। साथ ही कुछ पोषक तत्वों को भी अवशोषित करती है। इसमें संक्रमण होने से पेट खराब होना, दस्त लगना शुरू होता है। पैंक्रियाज भोजन को तोड़कर आसानी से पचने में मदद करता है। लिवर से स्रावित होने वाला पित्त कॉलेस्ट्रॉल का पाचन करता है। लिवर से पोषक तत्व हृदय के जरिए शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचता है।
अच्छे पाचन के लिए ये करें
— दिन में पांच बार भोजन करें।
— जल्दी सोएं और जल्द उठें
— नियमित रूप से व्यायाम करें।
— शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
— तेजी से खाना न खाएं, खाने के तुरंत बाद पानी न पीएं
— सोने से 2-3 घंटे पहले भोजन कर लें। तंग कपड़े न पहनें।
— खाने के तुरंत बाद न सोएं।
ये खाएंगे तो रहेंगे सेहतमंद
— रेशेदार फल, पानी खूब पीएं।
— संतुलित व ताजा भोजन करें।
— रात्रि में हल्का व सुपाच्य खाएं
— दही, छाछ, सत्तू का प्रयोग करें।
— लहसुन, केला अमरूद, पपीता, खीरा आदि लें।
— चीनी की बजाय गुड़, बूरा, किशमिश आदि लें।
— जंकफूड, तैलीय चीजें न खाएं।
एक्सपर्ट : डॉ. विशाल गुप्ता, फिजिशियन, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर