बाजार में आलू कई रंग के आते हैं। लाल, भूरा, क्रीम या बैगनी रंग के आलू तो आपने बहुत देखे होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि इनके बीच ही कुछ आलू ऐसे होते हैं जो कैंसर, डायरिया, सिर दर्द या उल्टी का कारण बन सकते हैं। तो चलिए आपको बताएं कि किस तरह के आलू नजर आते ही उसे फेक देने चाहिए।
ऐसे आलूओं को भूलकर भी न खाएं हरे रंग वाला आलू– अगर आलूओं के बची आपको हरे रंग वाले आलू नजर आ रहे हैं तो उसे फेंक दें। कई बार आलू एक तरफ से समान्य और दूसरी तरफ से हरे हो जाते हैं। असल में इसमें न्यूरोटॉक्सिन बहुत अधिक होता है।रा आलू कैंसर की वजह बन सकता है। आलू के हरे होने की वजह यह होती है कि वह खेत में जब रहता है तब वह मिट्टी से बाहर आ जाता है और सूर्य की किरण उस पर सीधी पड़ती है, इससे आलू में सोलनिन लेवल बढ़ जाता है। सोलनिन बढ़ने के कारण ही ये कैंसरस हो जाता है। इसलिए ऐसे आलू को बिलकुल न खाएं।
सिकुड़ने या मुरझाए आलू
कई बार लंबे समय तक रखे रहें तो उनकी नमी खत्म हो जाजती है और वे सिकुड़े से या मुझाए नजर आने लगते हैं। ऐसा आलू भी खाना खतरनाक होता है। ऐसे आलू से शरीर में टॉक्सिन बढ़ता है और डायरिया, उलटी या सिर दर्द का खतरा बढ़ जाता है।
जर्मिनेटड आलू भी सही नहीं
जर्मिनेटेड आलू का खाना भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जर्मिनेटेड आलू में सोलनिन और चासोनिन का बढ़ने से ये ग्लाइकोलोकॉल्ड्स नमाक जहर में बदल जाता है। यह नर्वस सिस्टम के लिए बहुत हानिकारक होता है। हो सकते हैं। अंकुरित आलू उगाने के लिए तो ठीक हैं लेकिन खाने के लिए नहीं।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)