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डाइट व एक्सरसाइज से कम होती डबल चिन

Published: Sep 07, 2018 05:50:24 am

डबल चिन यानी ठोड़ी के नीचे अतिरिक्त चर्बी का बढऩा। इस वजह से चेहरे के आसपास का हिस्सा कमजोर होने लगता है जिसका प्रमुख कारण मोटापा है।

डाइट व एक्सरसाइज से कम होती डबल चिन

डाइट व एक्सरसाइज से कम होती डबल चिन

डबल चिन यानी ठोड़ी के नीचे अतिरिक्त चर्बी का बढऩा। इस वजह से चेहरे के आसपास का हिस्सा कमजोर होने लगता है जिसका प्रमुख कारण मोटापा है। पुरुषों के अलावा महिलाओं में भी यह दिक्कत होती है जो न केवल ठोड़ी के नीचे बल्कि गाल के आसपास भी बढऩे लगती है। सामान्य लोगों की तुलना में जिनका वजन अधिक होता है उनमें इसके होने की आशंका दोगुनी हाती है। जानते हैं इसके बारे में-

कारण : – एक जगह लंबे समय तक निष्क्रिय होकर बैठे रहना या ठोड़ी के नीचे वसा की परत जमने से इस हिस्से का आकार बदलने लगता है। मोटापे के अलावा ४५ साल से ऊपर यानी उम्रदराज लोगों में इस हिस्से की त्वचा का ढीला होना भी वजह है। कुछ मामलों में आनुवांशिकता भी डबल चिन की समस्या को जन्म देती है।

 

डाइट :- हाई प्रोटीन, लो-कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ई और फाइबर से भरपूर चीजों को डाइट में शामिल करने के लिए कहते हैं। जैसे दूध या दूध से बने प्रोडक्ट्स, पालक, ब्रोकली, गाजर, सेब, संतरा, नाशपाती, बादाम, अखरोट, ओट्स, किनुआ, स्प्राउट्स, दालें, मूंगफली और फली आदि।

 

ऐसे कम करें अतिरिक्त चर्बी
ज्यादातर मामलों में इसका इलाज को दो तरह से यानी सर्जिकल और नॉन सर्जिकल तरीकों को अपनाकर किया जाता है।

सर्जिकल : जब डबल चिन बहुत अधिक बढ़ जाती है और डाइट व एक्सरसाइज से इसका समाधान नहीं हो पाता ऐसी स्थिति में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। इसकी मदद से शरीर की चर्बी को घटाया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया १५ से २० मिनट की होती है। कुछ लोग इसे घटाने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी का भी सहारा लेते हैं। विशेषज्ञ का मानना है कि इसे नेचुरल तरीके से घटाना ही ज्यादा बेहतर है।

नॉन सर्जिकल : इसके तहत मरीज को डाइट में सुधार करने के अलावा दिनचर्या में प्रमुख व्यायामों को जोडऩे और चर्बी को घटाने के लिए दवाएं लेने की सलाह दी जाती है।

एक्सरसाइज :
इस हिस्से से फैट हटाने के लिए गर्दन से जुड़े व्यायाम किए जा सकते हैं। जैसे गर्दन को गोल, दाएं-बाएं या आगे-पीछे घुमाना। इसके अलावा सांस संबंधी व्यायाम भी कर सकते हैं। जैसे लंबी सांस लेना, जल्दी-जल्दी सांस लेना व छोडऩा आदि। कुछ मामलों में मालिश भी लाभदायक होती है। जिसमें किसी भी तेल से ठोड़ी के नीचे १०-१५ मिनट के लिए मसाज करें। इसमें हाथों को पहले गले से ठोड़ी की ओर फिर दाईं व बाईं ओर लाएं।

दवाएं :
मरीज को कुछ ऐसी दवा देते हैं जो शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर भूख को घटाती है। इनसे धीरे-धीरे चर्बी में कमी आती है।

इनसे परहेज :
ऐसी चीजें जिनमें फैट, कोलेस्ट्रॉल की अधिकता हो उनसे परहेज करने के लिए कहते हैं। ये तत्त्व रक्त नलिकाओं के अलावा कोशिकाओं में जमने लगते हैं। या फिर इन्हें खाने के साथ नियमित शारीरिक गतिविधियां करवाते हैं ताकि कैलोरी बर्न हो सके।

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