पालक –
बीजों को पंक्ति में बोएं। 30-45 दिन में पालक खाया जा सकता है। उगने के दो माह बाद तक पालक खा सकते हैं।
पोषक तत्व : प्रोटीन, विटामिन, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पौटेशियम
फायदे : खून बढ़ेगा और इंफेक्शन नहीं होगा।
ऐसे खाएं : पालक-पनीर, पालक और सरसों का साग, आलू-पालक, स्पाइनेक सैंडविच और सूप बनाकर
मटर –
बीजों को जमीन के अंदर एक इंच खड़ी लाइनों में लगाएं। बोने के डेढ़ महीने के बाद 2महीने तक मटर का लुत्फ ले सकते हैं।
पोषक तत्व : प्रोटीन, विटामिन, फास्फोरस और आयरन
फायदे : कब्ज दूर होती है
ऐसे खाएं : मटर को आलू, गाजर, पनीर के साथ सब्जी बनाकर, खिचड़ी में डालकर या सूप बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
टमाटर –
बीजों को बोने के 60-70 दिन बाद टमाटर आने लगते हैं। ज्यादा ठंड पड़ने पर पौध खराब हो सकती है। फसल आने के तीन माह बाद तक ताजा टमाटर खाए जा सकते हैं।
पोषक तत्व : फास्फोरस, पौटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, लाइकोपीन
फायदे : प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इसमें मौजूद लाइकोपीन कैंसर के खतरे को कम करता है।
ऐसे खाएं : सब्जी, सूप, जूस, सलाद और चटनी बनाकर खाएं।
मूली-
इसके बीजों को भी मेड़ बनाकर उचित दूरी पर बोएं। 60 दिन में मूली खा सकते हैं। ताजा मूली का स्वाद भी 4 महीने तक लिया जा सकता है।
पोषक तत्व : क्लोरीन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम, विटामिन
फायदे : पेट के रोगों के लिए फायदेमंद, लिवर मजबूत होता है।
ऐसे खाएं : सब्जी, रस, सलाद और परांठा
गाजर-
इसके बीजों को क्यारी में मेड़ बनाकर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बोएं। ढाई महीने में गाजर तैयार हो जाएगी। इसके बाद 4महीने तक गाजर का लुत्फ लें।
पोषक तत्व : आयरन, पौटेशियम, विटामिन, कैल्शियम, फाइबर
फायदे : सर्दी-जुकाम व इंफेक्शन नहीं होगा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी
ऐसे खाएं : सब्जी, सूप, जूस, सलाद या हलवा बनाएं।
आंवला
इसकी कलम लगाई जाती है। आंवले के पेड़ को तैयार होने में कम से कम तीन साल का समय लगता है। पांचवे साल में फल आना शुरू हो जाता है।
पोषक तत्व : विटामिन सी
फायदे : खांसी, सांस के रोग, कब्ज में फायदेमंद और खून को साफ करता है।
ऐसे खाएं : चूर्ण, मुरब्बा या चटनी बनाकर खाएं।
आलू
छोटे आलूओं को एक निश्चित दूरी पर बोएं ताकि पर्याप्त पानी, धूप और खाद मिल सके। तीन महीने में आलू तैयार हो जाएगा।
पोषक तत्व : आयरन, मैंगनीज, कैल्शियम, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट
फायदे: ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
ऐसे खाएं : सब्जी, पापड़, समोसे, कचौड़ी, चाट, टिक्की, चोखा, चिप्स और फ्रेंचफ्राइज बनाकर खाएं।
धनिया
धनिए के बीजों को किसी गमले में भी लगा सकते हैं। 3-4 दिन में अंकुर निकल आएंगे। इन्हें चाकू से ही काटें इससे ये लगातार बढ़ते रहेंगे।
पोषक तत्व : कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर
फायदे : थाइरॉयड व डायबिटीज की समस्या में उपयोगी
ऐसे खाएं : मसाले के तौर पर, चटनी बनाएं या सब्जी की सजावट करें।
कढ़ी पत्ता –
इसे मीठा नीम भी कहते हैं। कढ़ी पत्ता उगाने के लिए नर्सरी से इसका पौधा लाकर लगाएं।
पोषक तत्व : प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस
फायदे : इसके काढ़े से उल्टी आनी बंद हो जाती है। कीड़े के काटने पर इसे पीसकर लेप करने से सूजन और दर्द कम हो जाता है।
छोंक लगाएं : सब्जी, दाल, सांभर में छोंक लगाएं व चटनी बनाएं।
इन बातों का ध्यान रखें
बीज लगाने के बाद क्यारी में ज्यादा घेरा न बनाएं, नहीं तो मिट्टी की पपड़ी बीज पर जम जाने से अंकुर नहीं निकल पाएगा।
समय-समय पर गुड़ाई करते रहें।
कीड़ा लग जाए तो नीम के जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें ये बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
पाले से पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक कवर से ढकें।