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दवाओं और भोजन की टाइमिंग पर ध्यान दें

Published: Jun 12, 2018 04:31:23 am

एलोपैथिक दवाओं को सही समय व उचित तरीके से लेने पर इनका असर ज्यादा होता है। दवा लेने में गड़बड़ी से उसका असर कम हो जाता है या…

food and medicines

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एलोपैथिक दवाओं को सही समय व उचित तरीके से लेने पर इनका असर ज्यादा होता है। दवा लेने में गड़बड़ी से उसका असर कम हो जाता है या अन्य तकलीफें बढ़ जाती हैं। भूपल नोबल्स कॉलेज ऑफ फार्मेसी (उदयपुर) के एसोसिएट प्रोफेसर नीरज कुमार त्रिवेदी का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वे जो मेडिसिन ले रहे हैं, वे उस पर लिखे सॉल्ट का नाम पढें़ और जरूरी सावधानियां बरतें।

प्रमुख दवाएं

सल्फो नाईल : इस क्लास के सॉल्ट जैसे chlorpropamide, tolbutamide, acetoxanide, glipizide, gliclazide, glyburide, glibenclamide, glimiperide आदि से बनी दवाएं पानी के साथ खाली पेट लें और इसके आधे घंटे बाद ही भोजन करें। पीलिया जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।


बायागुआनाईड : इस क्लास के सॉल्ट Umetformin को भोजन से 10 मिनट पहले पानी से लें। यदि पाचन की समस्या या एसजीपीटी/एसजीओटी (लिवर में गड़बड़ी की जांच) का स्तर बढ़ा हुआ हो तो इन्हें भोजन के मध्य में या अंत में ही लें।


थायाझोलीडोन : इस क्लास के सॉल्ट जैसे pioglitazone, rosiglitazone आदि से निर्मित दवाओं को भोजन से ३० मिनट पहले खाली पेट पानी से लें। लिवर, किडनी आदि की कमजोरी या शरीर में सूजन महसूस होने पर तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें।


इंजेक्शन : exenatide, pramlinitide इंजेक्शन भोजन से तुरंत पहले लेना चाहिए। इंसुलिन एलर्जी वाले मरीजों को यह दवा अधिक फायदेमंद है। पथरी होने या ज्यादा ट्रायग्लिसराइड होने पर ज्यादा सावधानी बरतें।


डीपीपी इन्हीबीटर जैसे सिटाग्लिप्टिन, विल्डाग्लिप्टिन, सेक्साग्लिप्टिन, लीनाग्लिप्टिन आदि दवाएं भोजन से १० मिनट पहले खाली पेट पानी से लें। पाचन की गड़बड़ी या शुगर कम होने की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
ग्लूकोसाइड इन्हीबीटर जैसे voglibose, acarbose, miglitol आदि दवाएं भोजन से १० मिनट पहले खाली पेट पानी से लें। पाचन की गड़बड़ी या शुगर की कमी होने पर डॉक्टरी सलाह लें।


meglitinede, repaglinide, nateglinide आदि दवाएं भोजन से १० मिनट पहले खाली पेट पानी से लेनी चाहिए।

इंसुलिन

इसके इंजेक्शन की शीशी को 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखें लेकिन ध्यान रहे कि उसमें बर्फ न जमने पाए। इंजेक्शन में भरने से पहले उसे शरीर के तापमान तक हाथों से गर्म करें। इंजेक्शन लगाते समय इसे धीरे-धीरे शरीर में प्रवाहित करें वर्ना दर्द महसूस होगा। इसके बाद उस जगह की पांच मिनट तक गोल मसाज करें। इससे फैट की गांठें नहीं बनेंगी या चमड़ी मुलायम रहेगी। इंजेक्शन रोज अलग-अलग दूरी पर लगाएं और इसके तुरंत बाद भोजन करें क्योंकि देरी करने से शुगर का स्तर कम हो सकता है। इससे बचने के लिए मीठी टॉफियां अपने पास रखें। चक्कर आएं तो इन्हें फौरन खा लें।

इसका रखें ध्यान

जो मरीज ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे हैं, वे डायबिटीज की दवाओं के सेवन में अधिक सावधानियां बरतें। इसके लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें ताकि दो या इससे अधिक प्रकार की दवाओं से किसी प्रकार का दुष्प्रभाव न हो। दवाओं के सेवन से शुगर अधिक कम (हाइपोग्लाइसीमिया) होने पर चक्कर आना, बेहोशी, धडक़न बढऩा, बेचैनी आदि हो सकती है। ऐसी स्थिति में ओआरएस का घोल या शक्कर घोल तुरंत लें। ब्लड शुगर की जांच करें। रक्त जांच के साथ मूत्र जांच भी एकसाथ करें।

शराब बढ़ाती है कई परेशानियां

डायबिटीज की दवाएं लेने के साथ शराब पीने से शरीर में लेक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे रक्त के एसिडिक होने से एलर्जी आदि की समस्या होकर अन्य दुष्प्रभाव होने लगते हैं इसलिए शराब की लत से पूरीी ठीक है।

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