क्योंकि हर प्रकार के ब्लड में एक खास तरह का एंटीजेन मार्कर होता है। यह मार्कर कुछ खास सामग्री को पचाने में मदद करता है। ये एंटीजेन मार्कर अलग-अलग सामग्री में अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करते हैं। यदि व्यक्ति इन्हें पहचान कर ठीक ढंग से डाइट ले तो वह हेल्थी रहने का समाधान तलाश सकता है। न्यूट्रीशनिस्ट का कहना है कि हर व्यक्ति का ब्लड एक खास तरह का होता है। वह जो भी खाता है ब्लड ग्रुप के हिसाब से ही वह उसे सूट करता है यानी यदि व्यक्ति को उसके ब्लड ग्रुप के हिसाब से फूड दिया जाए तो वह हेल्थ की दृष्टि से ज्यादा लाभदायक होगा।
क्या फायदा है इस डाइट का
सभी तरह के व्यंजनों में लेक्टिंस नामक प्रोटीन होते हैं जो हर तरह के भोजन में पाया जाता है। अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों का खून भोजन वाले इन प्रोटीन के प्रति अलग तरह से रिएक्ट करता है। जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर होता है। लेक्टिंस चिपकने वाले प्रोटीन होते हैं। ऐसे लेक्टिंस जो ब्लड टाइप के साथ मेल नहीं खाते, शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। भोजन से आने वाले कई लेक्टिंस हानिकारक नहीं होते हैं लेकिन थोड़ा बहुत असर होता है। अगर ये लेक्टिंस ब्लड ग्रुप के साथ मेल नहीं खाता तो शरीर में जलन व सूजन हो सकती है।
ब्लड ग्रुप ए
ब्लड ग्रुप ए के लोगों के लिए हरी सब्जियां, अनाज, बींस अंकुरित भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स और ब्रेड, नूडल्स, चाइनीज फूड्स, डिनर रोल, बर्गर जैसे फूड्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। वजन घटाने के लिए मीट, दूध से बने उत्पाद, गेहूं को अवॉइड करें।
ब्लड ग्रुप बी
ब्लड ग्रुप बी वाले लोग विभिन्न तरह का भोजन ले सकते हैं। इनमें अनेक प्रकार का मांस, सब्जियां, अनाज शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि ब्लड ग्रुप बी के लोगों को अनेक प्रकार का भोजन सूट करता है। लेकिन संयमित रूप से लें। अगर दिन में मीट लिया है तो शाम में वेजीटेबल आदि खाएं।
ब्लड ग्रुप एबी
इस ब्लड ग्रुप के लोगों को मांस, मछलीए सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स, दूध, दही व दूध से बने पदार्थ और अनाज सूट करते हैं। यानी अधिक से अधिक प्रोटीन लेना चाहिए। इस तरह का भोजन खाने से वे ज्यादा हेल्थी रह सकते हैं। ये लोग मिश्रित आहर ले सकते हैं लेकिन फिर भी रेड मीट आदि को नजरअंदाज करना चाहिए।