पोषक तत्त्व ( Lodhra Nutrition )
एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेशन गुणों से युक्त लौध्र कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसके पोषक तत्त्व रक्त संबंधी विकारों को दूर करने में उपयोगी है। यह वात-पित्त और कफ के संतुलन को बनाए रखता है। इसका स्वाद कसैला और कषाय होता है।
एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेशन गुणों से युक्त लौध्र कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसके पोषक तत्त्व रक्त संबंधी विकारों को दूर करने में उपयोगी है। यह वात-पित्त और कफ के संतुलन को बनाए रखता है। इसका स्वाद कसैला और कषाय होता है।
इस्तेमाल ( Lodhra Use )
आमतौर पर इसकी छाल को प्रयोग में लेते हैं। जिसे 3-5 ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं। वहीं इससे तैयार काढ़ा 50-100 मिलीलीटर की मात्रा में पिया जा सकता है। इसके बीजों से तैयार चूर्ण की 1-3 ग्राम की मात्रा ले सकते हैं।
आमतौर पर इसकी छाल को प्रयोग में लेते हैं। जिसे 3-5 ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं। वहीं इससे तैयार काढ़ा 50-100 मिलीलीटर की मात्रा में पिया जा सकता है। इसके बीजों से तैयार चूर्ण की 1-3 ग्राम की मात्रा ले सकते हैं।
ध्यान रखें
महिला संबंधी रोगों में खासतौर पर उपयोगी है। क्योंकि यह सीधे तौर पर हार्मोन्स पर काम करती है। ऐसे में यदि पुरुष इसका प्रयोग करना भी चाहें तो चिकित्सकीय सलाह के बाद ही करें। सीमित मात्रा से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। वर्ना हार्मोन्स में गड़बड़ी हो सकती है। गर्भवती महिलाएं डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसे लें।
महिला संबंधी रोगों में खासतौर पर उपयोगी है। क्योंकि यह सीधे तौर पर हार्मोन्स पर काम करती है। ऐसे में यदि पुरुष इसका प्रयोग करना भी चाहें तो चिकित्सकीय सलाह के बाद ही करें। सीमित मात्रा से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। वर्ना हार्मोन्स में गड़बड़ी हो सकती है। गर्भवती महिलाएं डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसे लें।