डायबिटीज : डायबिटिक व्यक्ति यदि व्रत करते हैं तो 4-5 घंटे के अंतराल में कुछ जरूर खा लें। खाली पेट रहने से शुगर लेवल गड़बड़ हो जाता है। फलों में फ्रक्टोज होता है इसलिए ये निश्चित मात्रा से ज्यादा न लें। पपीता व सेब खाएं। साबूदाने की खिचड़ी, कुट्टू से बनी चीजों व आलू में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है जो शुगर लेवल बढ़ाता है, इन्हें कम खाएं।
ब्लड प्रेशर : लो ब्लड प्रेशर है तो अन्न या साबूदाने की खिचड़ी और कुट्टू के आटे से बनी चीजें खा सकते हैं। नमक की मात्रा घटाए नहीं। हाई ब्लड प्रेशर वाले खाने में नमक कम लें।
हृदय रोग : मूंगफली, चना, जौ, साबूदाना व मक्का जैसे फाइबर फूड खाएं। ऑयली फूड से परहेज करें, ये कैलोरी बढ़ाते हैं। भीगे ड्राई फ्रूट्स, फल, नारियल, नींबू पानी व छाछ लें।
किडनी : व्रत में व्यक्ति पानी ज्यादा पीता है। लेकिन यदि किडनी की तकलीफ है तो सूजन व यूरिन के हिसाब से डॉक्टर से जरूर पूछ लें कि दिनभर में कितना पानी लेना ठीक रहेगा। खाने में टोफू, पनीर, साबूदाने की खिचड़ी लें। मौसमी और केले से परहेज करें।
माइग्रेन : भूखे रहने से पेट में गैस बनती है जिससे सिरदर्द हो सकता है। इसलिए हल्का-फुल्का खाने के साथ जूस लें। ग्लूकोज के स्तर को सही रखने के लिए फल भी लेते रहें।
ध्यान रखें : व्रत के साथ रोजाना ली जाने वाली दवाएं भी नियमित रूप से लें। इस दौरान डायबिटिक को शुगर लेवल कम होने से भी चक्कर आ सकते हैं। इसलिए चक्कर आने पर फौरन डॉक्टर के पास जाएं और उनके पास पहुंचने तक मुंह में कुछ मीठा रख लें। ब्लड प्रेशर लो हो तो तुरंत एक कप गर्म कॉफी लें और डॉक्टर से संपर्क करें। हाई ब्लड प्रेशर होने पर तनाव से बचें और शरीर को आराम दें। साथ में ठंडा दूध या पानी ले सकते हैं। अनार भी फायदा करेगा। आराम मिलते ही अपने फिजिशियन से चेकअप कराएं। माइग्रेन के रोगी सिरदर्द या चक्कर आने पर दवा लेकर आराम करें।