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बीमारी से लडऩे के लिए ताकत बढ़ाएं

Published: Mar 19, 2018 04:31:31 am

शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता (इम्युनिटी) हमें बीमारियों से लडऩे की ताकत देती है। जब यह क्षमता कमजोर हो जाती है तो रोग हमें घेर लेते हैं। उन्हीं रोगों

fruit

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शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता (इम्युनिटी) हमें बीमारियों से लडऩे की ताकत देती है। जब यह क्षमता कमजोर हो जाती है तो रोग हमें घेर लेते हैं। उन्हीं रोगों में से एक है स्वाइन फ्लू। इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें, आइए जानते हैं इनके बारे में।

ये फल होते हैं उपयोगी

फलों में सेब, अनानास, नाशपाती, अंगूर, संतरा, अनार, तरबूज और खरबूजा इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधी क्षमता) बढ़ाने के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन व मिनरल्स की अधिकता होती है।

किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए इन्हें पोटेशियम परमेगनेट से धो सकते हैं। इससे उनकी ऊपरी सतह पर मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। अगर फल का कोई हिस्सा गल या सड़ गया है तो उसे खाना नहीं चाहिए। कफ, खांसी व लगातार नाक से पानी बहने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए पर्याप्त लिक्विड डाइट लेते रहें।


तब न खाएं : अगर डायबिटीज का मरीज स्वाइन फ्लू से पीडि़त हो तो वह तरबूज, खरबूजा, अंगूर, केले और चीकू न लें। लेकिन सेब, पपीता और अनार सीमित मात्रा में ले सकते हैं। प्रयोग : फलों का प्रयोग जूस, रायता , सलाद और कच्चे तौर पर भी किया जा सकता है।


सब्जियां खाना न छोड़ें

इस रोग के मरीज को पत्तागोभी, ब्रोकली, मटर और पालक खिलाएं। सर्दी-जुकाम की समस्या को दूर करने के लिए टमाटर, लौकी व पालक ज्यादा फायदेमंद होते हैं क्योंकि ये विटामिन, आयरन, मिनरल्स और कैल्शियम के प्रमुख स्रोत हैं।

 

टमाटर में मौजूद लाइकोपिन एंटीऑक्सीडेंट का काम ? करता है जिससे इम्युनिटी बढ़ती है। लेकिन सूप बनाते समय टमाटर के साथ अन्य सब्जियां जैसे पालक, लौकी या मटर जरूर मिलाएं वर्ना खट्टेपन की वजह से गले की तकलीफ बढ़ सकती है। मरीज के लिए सब्जी बनाते समय मिर्च-मसालों का प्रयोग कम करें।

अलसी और कद्दू के बीज

अलसी को सेंककर इसका पाउडर बना लें। 1-2 चम्मच रोजाना सलाद, सब्जी में प्रयोग करने से शरीर को ओमेगा-थ्री फैटी एसिड व प्रोटीन जैसे पोषक तत्व मिलते हैं। इसी तरह कद्दू के बीजों का प्रयोग भी कर सकते हैं।

लिक्विड डाइट

शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए दूध, दही, नींबू पानी, फलों का जूस (घर का बना) लें। दूध का प्रयोग करने से पहले इसे अच्छी तरह से उबाल लें और गर्म ही पिएं। पानी हमेशा सामान्य तापमान वाला ही पिएं एकदम ठंडा या फ्रिज का पानी पीने से बचें। स्वाइन फ्लू के मरीजों को चाय और कॉफी न दें क्योंकि यह भूख को कम कर एसिडिटी बनाती हंै। इनके स्थान पर ग्रीन टी पी सकते हैं लेकिन दिन में सिर्फ एक बार।

कैसा हो खानपान

परहेज : स्वाइन फ्लू के मरीज ज्यादा स्टार्च वाली चीजें जैसे चावल, आलू, ब्रेड और अरबी के अलावा नॉनवेज से परहेज करें।


हल्का खाना : फल, सब्जियों के अलावा गेहूं और दलिए से बनी चीजें लें।
घर का भोजन : सामान्य लोग घर का बना खाना ही लें, किसी कारणवश बाहर खाना भी पड़े तो गर्म भोजन ही करें।
मरीज व बच्चों का खानपान : स्कूल में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कोई बच्चा साथी के साथ टिफिन या पीने का पानी शेयर न करे। साथ ही लंच के पहले और बाद में बच्चों को अच्छी तरह से हाथ धोने के लिए कहें।


सतर्कता : पानी को उबालकर और छानकर पिएं। पिसे हुए मसालों के स्थान पर इनका साबुत ही प्रयोग करें या घर में ही पीसकर इस्तेमाल करें। बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खिलाते रहें उन्हें भूखा न रहने दें।

 

मार्केट के दही या सलाद की बजाय इन्हें घर में ही बनाएं। टिक्की, गोलगप्पे या चाट आदि से फिलहाल परहेज ही करें।

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