टॉन्सिल होने पर सिंघाड़ा खाने से या इसका चूर्ण खाने से टॉन्सिल के दर्द में राहत मिलती है।
सिंघाड़े में विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जो त्वचा की सेहत और खूबसूरती बरकरार रखने में बेहद मददगार होता है।
मूत्र संबंधी विकार होने पर काढ़ा बनाकर पीने से फायदा होता है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए सिंघाड़ा एक आदर्श फल है जो कि पूरी तरह से वसा रहित होता है।
खून बढ़ाने में मददगार
सिंघाड़ा उबालकर और कच्चे दोनों ही तरह से खाए जा सकते हैं।
सिंघाड़ा पाउडर के दो चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लेने से खांसी में आराम मिलता है।
इसका जूस पीने से उल्टी या जी नहीं घबराता।
इसके पाउडर में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद ठीक होती है।