अनुसंधानकर्ता जॉन लॉफरन ने बताया कि अगर यह खोज उन मरीजों को एक विकल्प उपलब्ध करा सकी जिनका दिल रक्त वाहनियों में रुकावट के कारण पर्याप्त मात्रा में खून पम्प नहीं कर सकता है, तो यह मानव जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हृदय से निकाली गर्ईं स्टेम सेल उसके ऊतकों का दोबारा निर्माण कर सकती हैं। इससे हृदय फेल होने की दशा में मरीज की जान बचाई जा सकेगी।
ऐसे हुआ परीक्षण
चिकित्सा वैज्ञानिकों के दल ने ऐसे 23 मरीजों को प्रयोग के लिए चुना, जिन्हें पहले दिल का दौरा पड़ चुका था। बायपास सर्जरी के दौरान वैज्ञानिकों ने इनमें से 16 मरीजों के हृदय से स्टेम सेल निकालकर उन्हें पुन: हृदय में इंजेक्ट किया। जबकि, बाकी सात मरीजों का इलाज बिना स्टेम सेल के किया गया।
इस सर्जरी के चार माह बाद मरीजों को एक गुब्बारे के माध्यम से दस लाख स्टेम सेल दिए गए। स्टेम सेल लेने वाले 14 मरीजों की दिल की कार्यप्रणाली में उन मरीजों की तुलना में सुधार आया, जिन्हें स्टेम सेल नहीं दिए गए थे। परीक्षण के दौरान एक ग्राम हृदय ऊतक से स्टेम सेल निकाली गई थीं।
एक व्यस्क व्यक्ति के दिल की स्टेम सेल में विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के निर्माण की क्षमता होती है। हृदय की रक्त वाहनियों में रूकावट के कारण खून नहीं पहुंच पाने के कारण ऊतक मर जाते हैं और दिल काम करना बंद कर देता है।