पपीते में पाए जाने वाले पपेन की मात्रा लगभग 20 प्रतिशत तक होती है जो हमारे शरीर में प्रोटीन को पचाता है।
टूथपेस्ट बनाने और त्वचा के दाग मिटाने की दवा बनाने में भी पपेन का उपयोग होता है।
पपीता पाचनक्रिया को दुरुस्त रखता है।
बवासीर और कब्ज जैसे पुराने रोगों में भी पपीता लाभकारी है।
कच्चा पपीता खाने से पीलिया रोग में आराम मिलता है।
पेट में कीड़े हो गए हों तो पपीते के दस बीज पानी में पीस लें। अब इसे एक चौथाई कप पानी में मिलाकर रोजाना सात दिनों तक लें।
पपीता अल्सर रोग में भी फायदेमंद होता है।
पके हुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। ऐसा कम से कम एक माह तक करने से चेहरे की झर्रियां दूर होती हैं और चमक बढ़ती है।