ब्रिटेन की सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में हुए हालिया शोध के अनुसार रेगुलर ब्रेकफास्ट में उच्च फाइबर युक्त अनाज लेने से बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज (जीवनशैली व खानपान से होने वाली) के खतरे को कम किया जा सकता है। ब्रिटेन में 9-10 साल की उम्र के चार हजार से ज्यादा बच्चों पर अध्ययन किया गया।
शोध में इस बात पर ध्यान दिया गया कि बच्चे नाश्ता कब करते हैं और उसमें वे क्या लेते हैं। डायबिटीज के बारे में जानने के लिए बच्चों के रक्त के नमूनों की जांच की गई। इस दौरान नाश्ता नहीं करने वाले 26 फीसदी बच्चों में आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा सामने आया।
डाइटीशियन डॉ. अनामिका सेठी के अनुसार जो बच्चे नियमित ब्रेकफास्ट नहीं करते उनके शरीर में ग्लूकोज की कमी से एकाग्रता में कमी आने लगती है और वे स्कूल की एक्टिविटीज में ठीक से भाग नहीं ले पाते।
बच्चों को कॉर्नफ्लेक्स दें तो उसमें चीनी की बजाय फू्रट्स मिला दें। ब्रेड, बर्गर से परहेज करें। इनमें मौजूद खमीर आंतों में जाकर पेटदर्द और कब्ज का कारण बनता है।