टाइप-२ डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों के बीच काफी समानता के संकेत मिले हैं। ऐसा होने पर इनके इलाज में भी सुविधा हो सकती है। इन बीमारियों में कई लक्षण भी एक पाए जाते हैं, जैसे-मोटापा। शोधकर्ताओं का दावा है कि अगर इनमें जीन के आधार पर भी समानता पाई जाती है तो इनके इलाज भी साथ करने की तकनीक ईजाद की जा सकती है। शोध को पुख्ता करने के लिए डॉक्टरों ने करीब १५ हजार महिलाओं पर परीक्षण किए हैं। यह अध्ययन एक साथ ८१५५ अश्वेत, ३६९७ श्वेत और ३४९४ अन्य महिलाओं पर किया गया था।
8 परमाणु एक जैसे
आठ ऐसे परमाणु हैं, जो दोनों बीमारियों में समान पाए गए। ब्राउन यूनिवर्सिटी ऑफ पब्लिक हेल्थ में दवा विज्ञान के प्रोफेसर सिमिन लियू का कहना है, शोध को ध्यान में रख जीन्स का एक-एक कर अध्ययन करना कारगर साबित होगा।
मिला एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प
लंदन. वैज्ञानिकों ने नई सफलता प्राप्त करते हुए एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प तैयार कर लिया है। इससे कई प्रकार के संक्रमण से निजात पाई जा सकती है। कई मरीजों पर किए प्रयोग के आधार पर सामने आया कि नया ड्रग एंटीबायोटिक दवाओं से इंफेक्शन पैदा करने वाले कीटाणुओं का खात्मा करने में सक्षम है। पांच साल में इस ड्रग्स से निर्मित दवाएं भी तैयार कर ली जाएंगी।
हेपेटाइटिस सी का टीका परीक्षण में सफल
लंदन. हेपेटाइटिस सी से निपटने का टीका मनुष्यों पर शुरुआती परीक्षण में सफल रहा है। परीक्षण में हिस्सा लेने वाले 15 स्वस्थ लोगों पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ा है। यह हेपेटाइटिस सी का पहला टीका है जो परीक्षण के दौर से गुजर पा रहा है। विश्व में लगभग १२ करोड़ हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हैं।