सोया के बारे में दूर करें ये 7 भ्रांतियां
जयपुरPublished: May 01, 2019 10:52:18 am
सोया को लेकर लोगों में कई प्रकार के भम्र होते हैं
सोया के बारे में दूर करें ये 7 भ्रांतियां
भ्रांति 1: प्लांट प्रोटीन होने के कारण यह ‘प्रोटीन’ का अच्छा स्त्रोत नहीं है?
अधिकांश अनाजों व दालों की प्रोटीनों में कुछ आवश्यक अमीनो एसिड्स का अभाव होता है, लेकिन सोया प्रोटीन एक पूर्ण प्रोटीन है। इसे फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस के अनुसार उच्च स्तरीय वरीयता प्राप्त है। जब इसे अन्य प्लांट प्रोटीनों से संयोजित किया जाता है, तब यह ग्रहण किए गए कुल प्रोटीन की क्वालिटी को बढ़ा देता है।
भ्रांति 2: सोया हड्डियों के स्वास्थ्य में कोई सहायता नहीं करता है?
रजोनिवृत्त महिला में सोया में मौजूद आइसोफ्लावोन्स हड्डियों के क्षय को कम करने में सहायता करता है व हड्डियों में खनिज की मात्रा को बढ़ाता है। सोया कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है और इसका प्रोटीन पशु प्रोटीन के समान कैल्शियम का अवशोषण नहीं करता। सोया खाने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम हो जाता है।
भ्रांति 3: सोया खाने से हृदय रोग के जोखिम के कम होने का कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलता?
प्रारंभिक अध्ययन से पता चला है कि सोया कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप एवं समग्र कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है। कुछ लोग इससे सहमत नहीं होते कि सोया, सोयाबीन के तेल से अलग है, जो अत्यधिक असंतृप्त होता है और जिसका हृदय रोग पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ता है।
भ्रांति 4: सोया के अधिकांश उत्पाद मीट जैसे मांसाहारी पदार्थ नजर आते हैं?
सो या के बारे में लोगों में यह भी एक गलतफहमी है। हालांकि सोया के कुछ उत्पादों को मीट जैसा स्वरूप देकर तैयार किया जाता है, इसका मकसद होता है मांसाहारी लोग इसका लुत्फ उठा सकें। लेकिन सच्चाई यह है कि सोया 100 प्रतिशत शाकाहारी है। यही नहीं सोया मिल्क, आदि अनेक ऐसे उत्पाद हैं, जो मीट जैसे नहीं दिखते।
भ्रांति 5: सोया फूड्स से खनिज तत्त्वों की असंतुलन की आशंका हो जाती है?
सो या में फाइटेट एवं ऑक्जलेट की पर्याप्त मात्रा होती है, जिसके कारण माना जाता है कि इससे कैल्शियम का अवशोषण कम हो जाता है। ये कई अनाजों और सब्जियों में उपलब्ध होते हैं। सोया मिल्क से कैल्शियम के अवशोषण का वही स्तर होता है, जो गाय के दूध से होता है। इसलिए खनिज तत्त्वों की कमी या असंतुलन की आशंका नहीं होती।
भ्रांति 6: पुरुषों को सोया नहीं खाना चाहिए?
ऐ सा माना जाता है कि सोया में आइसोफ्लावोन्स होता है, जिससे एस्ट्रोजन के सक्रिय होने की आशंका रहती है और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी हो जाती है। असल में यह तथ्य गलत है। अध्ययन के मुताबिक सोया की खपत से टेस्टोस्टेरोन स्तर में कोई कमी नहीं होती है।
भ्रांति 7: सोया शरीर का भार कम करने में निष्प्रभावी होता है?
सो या प्रोटीन व डायटरी फाइबर शारीरिक भार को कम करने में सहायता करते हैं। ऐसा पाया गया है कि सोया प्रोटीन लेने से मोटापे को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।