क्या है शुगर एडिक्शन
कोई भी बच्चा जब शुगर से भरपूर चीजें (कैंडी, चॉकलेट, मिठाई, दूध में अधिक चीनी) खाता है तो उसके दिमाग में डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने लगता है जो खुशी का अहसास कराता है। इसलिए धीरे-धीरे बच्चे का मीठी चीजों के प्रति लगाव बढ़ जाता है। इसे शुगर एडिक्शन कहते हैं।
कोई भी बच्चा जब शुगर से भरपूर चीजें (कैंडी, चॉकलेट, मिठाई, दूध में अधिक चीनी) खाता है तो उसके दिमाग में डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने लगता है जो खुशी का अहसास कराता है। इसलिए धीरे-धीरे बच्चे का मीठी चीजों के प्रति लगाव बढ़ जाता है। इसे शुगर एडिक्शन कहते हैं।
ये हैं नुकसान
पाचनतंत्र प्रभावित : समय पूर्व बेबी टीथ गिरने के बाद बच्चा हर चीज को बिना चबाए निगलता है। इससे पाचनतंत्र गड़बड़ाता है। टेढ़े-मेढ़े दांत : बेबी टीथ स्थायी दांत को निकलने में मदद करते हैं। लेकिन शुगर की लत से दांत टेढ़े-मेढ़े व कमजोर भी होते हैं।
संक्रमण : दांतों में कैविटी बनने पर बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं जो मुंह में संक्रमण और मसूढ़ों में दर्द का कारण भी बनते हैं।
पाचनतंत्र प्रभावित : समय पूर्व बेबी टीथ गिरने के बाद बच्चा हर चीज को बिना चबाए निगलता है। इससे पाचनतंत्र गड़बड़ाता है। टेढ़े-मेढ़े दांत : बेबी टीथ स्थायी दांत को निकलने में मदद करते हैं। लेकिन शुगर की लत से दांत टेढ़े-मेढ़े व कमजोर भी होते हैं।
संक्रमण : दांतों में कैविटी बनने पर बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं जो मुंह में संक्रमण और मसूढ़ों में दर्द का कारण भी बनते हैं।
रोजाना ब्रशिंग :टूथपेस्ट कम लगाकर सॉफ्ट ब्रसल वाले टूथब्रश से रोजाना ब्रश कराएं। सुबह-शाम दांत साफ करें। जूस नहीं, पानी पिलाएं : कई बार मांएं बच्चे को प्यास लगने पर जूस या सॉफ्ट ड्रिंक्स देती हैं, जो सही नहीं है। इससे मोटापा बढऩे, संक्रमण का खतरा रहता है। बच्चे को मीठे फल जैसे सेब मसलकर दिया जा सकता है ताकि उनके शरीर में नेचुरल शुगर की पूर्ति हो सके।