⦁ व्रत के दौरान पानी की कमी न होने दें। इसके लिए आप हर दो से तीन घंटे पर रसीले फल, जूस या पानी पीते रहें।
⦁ अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आप नींबू पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं।
⦁ प्रेग्नेंसी में आप फलों का जूस या साबूत फल अधिक से अधिक खाएं। कोशिश करें कि खट्टे फल कम खाएं।
⦁ चाय या कॉफी की जगह दही-मठ्ठा या दूध का सेवन करें।
डायबिटीज के मरीज व्रत में कैसा रखें खानपान
⦁ व्रत में खानपान अगर अच्छा हो तो आप नौ दिन का व्रत भी आसानी से रख सकते हैं। व्रत में आप दो बातों का ध्यान जरूर दें। पहला सेंधा नमक भी कम प्रयोग करें और चीनी भी कम मात्रा में लें।
⦁ डायबिटीज के मरीज व्रत में कच्चे केले को उबाल कर उसका चोखा कुट्टू के आटे की रोटी के साथ खाएं। दही या दूध के साथ भी रोटी खाई जा सकती है।
⦁ डायबिटी के मरीज व्रत में एक बार फलहार के नियम को फॉलो न करें, बल्कि अपनी दवाओं के साथ फलहार हर तीन से चार घंटे में खाते रहें।
⦁ खीरा-ककड़ी, संतरा-सेब,अनार का अधिक से अिधक प्रयोग करें।
⦁ दूध और दही के साथ उबली या भूनी एक शकरकंदी भी ले सकते हैं।
⦁ साबूदाने की खिचड़ी भी खाई जा सकती है। डायबिटीज के मरीज नौ दिन का व्रत रखने से बचे।
प्रेग्नेंसी में ऐसा रखें खानपान
⦁ प्रेग्नेंसी में खानपान का ध्यान देकर व्रत आसानी से रखा जा सकता है। बस हर तीन से चार घंटे पर कुछ न कुछ जरूर खाएं।
⦁ फलहार में पपीता छोड़ कर आप सभी फल खा सकती हैं। साथ ही सिंघाड़े का हलवा, रोटी या इसके पकौड़े भी खा सकती हैं।
⦁ साबूनदाने की खिचड़ी या खीर भी खाना सही रहेगा।
⦁ दूध, दही, छाछ का सेवन अधिक से अधिक करते रहें।
⦁ सेंधानमक केवल व्रत में खाएं, व्रत के बाद इसे न खाएं क्योंकि इसमें आयोडिन नहीं मिलेगा।
⦁ बहुत अधिक तला-भूना या मीठा न खाएं, इससे डायजेशन खराब हो सकता है।