scriptसेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं गाय के पंचगव्य, जानें इनके बारे में | Very good for health is the Panchagavya of the cow | Patrika News

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं गाय के पंचगव्य, जानें इनके बारे में

locationजयपुरPublished: Dec 25, 2018 05:13:50 pm

कई शोधों में गोबर और दही को कैंसर जैसे रोगों के इलाज में उपयोगी माना है। आइए जानते हैं अन्य फायदों के बारे में।

very-good-for-health-is-the-panchagavya-of-the-cow

कई शोधों में गोबर और दही को कैंसर जैसे रोगों के इलाज में उपयोगी माना है। आइए जानते हैं अन्य फायदों के बारे में।

वेदों और पुराणों में गाय को गौ माता का दर्जा यूं ही नहीं दिया गया है। चरक संहिता में पंचगव्य यानी गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से कई रोगों के इलाज के बारे में बताया गया है। गाय का दूध, दही और घी शरीर को मजबूती देता है। वहीं गोबर व गोमूत्र शरीर के शुद्धीकरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

आमतौर पर एक देसी गाय 2-8 लीटर दूध देती है। इस दूध से हमें छाछ, घी, मक्खन, पनीर और दही जैसी कई चीजें मिलती है। गाय से मिलने वाली कोई भी चीज बेकार नहीं जाती। गाय के पंचगव्य ना सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि खुजली, दाद, पेटदर्द, कब्ज और बवासीर जैसे रोगों का इलाज भी करते हैं। कई शोधों में गोबर और दही को कैंसर जैसे रोगों के इलाज में उपयोगी माना है। आइए जानते हैं अन्य फायदों के बारे में।

पंचगव्य के फायदे
दूध देता है ताकत
छह महीने से 10 साल की उम्र तक के बच्चों को गाय का दूध पिलाने से वे एक्टिव रहते हैं और उनका वजन नहीं बढ़ता। भैंस के दूध की बजाय गाय का दूध बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अच्छा होता है।
गाय के दूध में कैरोटिन होता है जो हड्डियों व मांसपेशियों का विकास करता है।
गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या रहती है इसलिए गाय का दूध उनके लिए फायदेमंद होता है। हल्का होने के साथ-साथ यह पाचन में भी सहायता करता है। गाय के दूध में पाए जाने वाले तत्व जैसे साइटोकिंस रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं।

लाभकारी है गोबर –
अगर शरीर में दाद, खुजली या त्वचा से जुड़ी कोई अन्य समस्या हो तो गोबर लेप चिकित्सा की जाती है।
त्वचा में अगर गांठें या दाने हो रहे हों तो गोबर को उस जगह पर आधे घंटे लगाएं। 15-20 दिनों में समस्या कम होती है। पेट में कीड़े होने पर गोबर का रस 2-3 चम्मच लिया जा सकता है। गोमूत्र या गोबर का रस ताजा ही लें। बीमार गाय के गोमूत्र से इलाज ना करें। देसी गाय का पंचगव्य सर्वश्रेष्ठ है। बछिया का पंचगव्य भी अच्छा माना जाता है। गोमूत्र व गोबर का रस उपयोग में लेने से पहले सूती कपड़े में 7-8 बार छान लें।

गोमूत्र है शुद्धि का जरिया –
गोमूत्र विषैले पदार्थों को निकालकर शरीर की सफाई करता है। सूती कपड़े में 7-8 बार छने गोमूत्र को खाली पेट ले सकते हैं।
डकारें आने और जी मिचलाने में भी गोमूत्र ले सकते हैं। यह कब्ज, हृदय रोग, डायबिटीज व मोटापा घटाने में भी सहायक है। सोराइसिस (स्किन प्रॉब्लम) होने पर गोमूत्र से स्नान किया जाता है।

घी भी है उपयोगी –
गाय के घी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है इसलिए वजन नहीं बढ़ता। सर्दी-जुकाम व पेट की समस्या होने पर इसका प्रयोग करने से फायदा होता है। 2-3 चम्मच गाय का घी गर्म करें इसमें एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिला लें। इसे रोटी के साथ खाएं। जुकाम में राहत मिलेगी। आयुर्वेद में गाय के घी से नेत्र रोगों का भी इलाज किया जाता है। आंखों में जलन हो तो इसे काजल की तरह लगा सकते हैं।

दही भी है बढ़िया –
गाय के दूध से बना दही खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। इसमें मौजद खाना पचाने वाले जीवाणु भूख बढ़ाते हैं।

ध्यान रहे –
पॉलिथिन गाय के पेट की थैलियों में जमा हो जाती हैं। इससे उसे भूख कम लगती है और दूध का उत्पादन घट जाता है। कई दिनों तक खाना ना खाने से उसकी मौत हो जाती है इसलिए पॉलिथिन से बचें या उसे कूड़ेदान में ही फेंकें। गाय घास खाने के बाद पेट के एक भाग में उसे नर्म करती है और दोबारा मुंह में लाती है।

गाय सिखाती है खाने का तरीका –
गाय जुगाली करके भोजन को अच्छे से चबाती है। गाय के खाने के इस तरीके को हमें भी अपनाना चाहिए क्योंकि भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाने से हमें उसमें मौजूद सभी पोषक तत्व मिलते हैं और पाचन ठीक से होता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो