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जानिए! युवाओं में तनाव और हाइपरटेंशन क्यों बढ़ रहा

locationजयपुरPublished: Apr 10, 2019 04:22:26 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

शारीरिक निष्क्रियता बीमारियों की बड़ी वजह है। लगातार ज्यादा देर तक न बैठें। शरीर में कैलोरी खर्च करने की क्षमता घटती है। हर घंटे पांच मिनट का ब्रेक लें। स्ट्रेच आउट करें और टहलें। काम के तनाव में सिगरेट और अल्कोहल की लत से ब्लडप्रेशर बढ़ता है जो हार्ट अटैक कारण बनता है।

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सावधान! युवाओं में तीन गुना ज्यादा तनाव

शरीर में किसी भी तरह की बीमारी न होने को हम खुद को स्वस्थ मान लेते हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है। वहीं आयुर्वेद के अनुसार जिसके तीनों दोष वात, पित्त एवं कफ और जठराग्नि समान हो। वह व्यक्ति स्वस्थ है।
तरक्की की होड़ में थकान बढ रही

एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक 20 वर्षों में 35 से 44 वर्ष की आयु के युवाओं में तनाव तीन गुना बढ़ा है। खराब जीवनशैली व तरक्की की होड़ में थकान, स्लीप एपीनिया, हाइपरटेंशन, हार्ट स्ट्रोक, डायबिटीज जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। शहरों में 30 व ग्रामीण क्षेत्रों में 20 फीसदी को बीपी की समस्या है।
काबू में रखें अपनी धड़कन
हृदय के धड़कते वक्त खून का दबाव (सिस्टोलिक प्रेशर) 120 व धड़कन के बीच का रक्त दबाव (डिस्टोलिक प्रेशर) 80 होना चाहिए। सप्ताह में 3-4 बार 140/90 से अधिक हो तो हाइपर टेंशन कहते हैं। हार्ट स्ट्रोक, अटैक व किडनी बीमारी की प्रमुख वजह है। हार्ट अटैक के 12 प्रतिशत मामले 40 वर्ष कम उम्र में होते हैं।

– डॉ. के.के अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए, नई दिल्ली

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