हृदय विकार :
अनार के 10 ग्राम ताजा पत्तों को 100 ग्राम पानी में पीस-छानकर सुबह-शाम पीने से धड़कन अनियंत्रित होने की समस्या में लाभ होता है। दस्त होने पर:
अनार के चारों ओर मिट्टी का लेप करें और भून लें। भूनने के बाद दाने निकालकर रस निकालें। इसमें शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
अनार के 10 ग्राम ताजा पत्तों को 100 ग्राम पानी में पीस-छानकर सुबह-शाम पीने से धड़कन अनियंत्रित होने की समस्या में लाभ होता है। दस्त होने पर:
अनार के चारों ओर मिट्टी का लेप करें और भून लें। भूनने के बाद दाने निकालकर रस निकालें। इसमें शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
नकसीर आने पर:
इसके आधा कप रस में दो चम्मच मिश्री मिलाकर दिन में एक बार पीने से गर्मी में नकसीर की समस्या दूर हो जाती है। दांत में दर्द:
अनार व गुलाब के सूखे फूलों को पीसकर मंजन करने व अनार की कलियों के चूर्ण से दांत साफ करने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है।
इसके आधा कप रस में दो चम्मच मिश्री मिलाकर दिन में एक बार पीने से गर्मी में नकसीर की समस्या दूर हो जाती है। दांत में दर्द:
अनार व गुलाब के सूखे फूलों को पीसकर मंजन करने व अनार की कलियों के चूर्ण से दांत साफ करने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है।
अनिद्रा:
अनार के ताजा 20 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में उबालें। जब 100 ग्राम शेष रह जाए, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। बवासीर:
इसके 8-10 पत्तों को पीस कर टिकिया बना लें। इसे गर्म घी में भूनकर बांधने से बवासीर के मस्सों में लाभ मिलेगा। अनार के पत्तों का 5-10 मिलिग्राम रस सुबह-शाम पीने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है।
अनार के ताजा 20 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में उबालें। जब 100 ग्राम शेष रह जाए, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। बवासीर:
इसके 8-10 पत्तों को पीस कर टिकिया बना लें। इसे गर्म घी में भूनकर बांधने से बवासीर के मस्सों में लाभ मिलेगा। अनार के पत्तों का 5-10 मिलिग्राम रस सुबह-शाम पीने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है।