वृद्धावस्था में रोगों का खतरा बढऩे की एक वजह उनमें जिंक का स्तर कम होना भी है।
‘द अमरीकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन’ में छपे एक शोध के मुताबिक जिंक का स्तर घटने से बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
ऐसे में यदि बुजुर्ग, विशेषज्ञ की सलाह से नियमित जिंक सप्लीमेंट लें तो उनके टी-सेल्स की संख्या बढ़ेगी जिससे न सिर्फ उनकी सेहत में सुधार होगा बल्कि उनमें संक्रमण से होने वाले रोगों का खतरा भी घटेगा।
वृद्धावस्था में पुरुष को एक दिन में 11 मिलिग्राम और महिला को आठ मिलिग्राम जिंक की जरूरत होती है। जिंक की पूर्ति के लिए कद्दू के बीज, लहसुन, मटर, पालक, टोफू, अखरोट, काजू, बादाम, साबुत अनाज और बींस आदि खा सकते हैं।