डिंडोरी

बैगा महिलाओं ने समस्याओं के निदान के लिये लगाई गुहार

समस्याओं के निराकरण की मांग करने पहुंचे बैगाचक के ग्रामीण

डिंडोरीJun 18, 2019 / 10:09 pm

Rajkumar yadav

Baga women set up for diagnosis of problems

डिंडोरी। जिले में निवासरत विशेष पिछडी जनजाति आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रही है। बिजली, पानी, सडक, स्वास्थ्य, राशन सहित ढेरों समस्याओं से यहां की बडी आबादी घिरी हुई है। जनसुनवाई में लंबे समय से वनाधिकार को लेकर जहां गांव गांव से आवेदक पहुंच रहे हैं वहीं अब तो एक एक गांव से सैकडों ग्रामीण विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं। बैगाचक इलाके के गौराकन्हारी के ग्रामीण महिला पुरूष सैकडों की संख्या में एकत्र होकर पहुंचे और अपनी अलग अलग समस्याओं से कलेक्टर को अवगत कराया।
सिंचाई सुविधा की मांग
गौराकन्हारी के ग्रामीणों ने खेती के लिये सिंचाई सुविधा की मांग की र्है। ग्रामीणों के अनुसार उनके खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाने के चलते वह ठीक प्रकार से खेती नहीं कर पा रहे हैं। यदि उन्हें यहां पर सिंचाई सुविधा मिल जाये तो खेती करना आसान हो जायेगा। ग्रामीणों के अनुसार यहां पर बुढनेर नदी में गर्मी के मौसम में भी दो फिट पानी बहता है। यदि नदी पर बांध बन जाये तो उनके खेतों तक पानी पहुंच जायेगा और सिंचाई सुविधा का लाभ ये ले सकेंगे। ग्रामीणों में रामवती बाई, लमसा बाई, कसेला बाई, फुलसिंह भोले साहू, पोवनिन बाई, बबना बाई, माही बाई, प्रेमबती, हिरोंवा, झमको बाई, फुगती बाई, कृपाल सिंह, मतवार सिंह, रैजू, छत्तर सिंह, देवल सिंह, लालसाय, थनवार सिंह, थनवार सिंह, मुंशीराम, रामदयाल केवटिया ने आवेदन देकर समस्याओं के निराकरण की मांग की है।
मजदूरी दिलाने की मांग
गौराकन्हारी में रहने वाले ग्रामीणों ने शिकायत करते हुये बताया कि यहां पर नवाटोला पहुंच मार्ग में उन्होंने 2016-17 में काम किया था। जिसकी दो सप्ताह की मजदूरी उन्हें आज भी नहीं मिली है। ग्रामीणों ने बताया कि काम के बाद वह निरंतर मजदूरी की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक उन्हें भुगतान नहीं मिला है। मजदूरों में हिरोंदा, माही बाई, फततो बाई, पोहनिन बाई, रामवती बाई, सुन्हरी बाई, लमला बाई, फलशिया बाई, झूको बाई, फगनी बाई, मंगल सिंह, मोहला बाई, तितई बाई, भदाली बाई, सनवती बाई शामिल रही।
अंधेरे में रहने को मजबूर ग्रामीण
एक तरफ तो सौभाग्य योजना के तहत गांव गांव घर घर बिजली पहुंचाने का दावा किया गया है लेकिन आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी कई इलाके अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। वनग्राम गौराकन्हारी के वार्ड 01 में 24 घर बैगा आदिवासियों के है जो अंधेरे में रह रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार जन प्रतिनिधियों से कई बार निवेदन कर चुके हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। विद्युत कनेक्शन की मांग को लेकर ग्रामीणों ने फिर से गुहार लगाई है।
पोषण आहार की राशि से वंचित
विशेष पिछडी जनजाति की महिलाओं में पोषण के स्तर को साधने की कवायद के तहत पिछले साल जनजाति की महिलाओं को एक हजार रूपये प्रतिमाह दिये जाने की योजना शुरू की गई थी लेकिन आज भी गांव की महिलाओं को राशि का इंतजार है और कार्यालयों के चक्कर लगाने को वह मजबूर हैं। ग्रामीण महिला प्रेमवती, सुमित्रा, चैको बाई, अघनी बाई, माही बाई, फगनी बाई, जठिया बाई, सुन्दरी बाई, बुधनी बाई, बैसाखीन बाई, पोहनिन बाई, कुंवरिया बाई, समली बाई, प्यारी बाई ने आवेदन दे राशि दिलाए जाने की मांग की है।

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