चहुंओर गूंजे जयकारे
डिंडोरीPublished: Sep 14, 2018 05:26:44 pm
विधि-विधान के साथ स्थापित गजानन
डिंडोरी. जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में इस समय चहुंओर गणपति के जयकारे गूंज रहे हैं। गुरूवार को प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की विधि विधान से स्थापना की गई। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गणपति स्थापना शुरू कर दी, जो देर रात तक निरंतर जारी रहा। नगर में सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों द्वारा जगह-जगह गणपति की स्थापना की जा रही है। साथ ही घरों में भी श्रद्धापूर्वक भगवान की स्थापना की जा रही है। दस दिनों तक विविध धार्मिक आयोजन होंगे। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के निवास पर गणपति की स्थापना की गई। उन्होंने सपत्नीक गणेश प्रतिमा की अगवानी कर उनकी स्थापना की मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने बताया कि पिछले तेरह वर्षों से उनके निवास पर गणेशोत्सव का आयोजन किया जाता है और श्रीगणेश प्रतिमा के निर्माण के समय ही वह पर्यावरण का विशेष ध्यान रखते हैं। मिट्टी की बनी प्रतिमा और उसमें प्राकृतिक रंगों से सजावट को वह तरजीह देते हैं। उन्होंने सभी को गणेश चतुर्थी पर शुभकामनाएं देते हुये जिले व प्रदेश और देषवासियों की खुषहाली की कामना की है। जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति प्रकाश धुर्वे ने बताया कि प्रतिमा निर्माण के दौरान वह निरंतर निर्माण स्थल पर जाती हैं और मूर्तिकार द्वारा निर्माण में प्रयुक्त सामग्री का अवलोकन करती हैं।
भगवान श्रीगणेश की भक्ति में समूचा नगर
शहपुरा. भगवान शिव के पूत्र व प्रथम पूज्य भगवान गणेश की स्थापना का दौर गुरूवार से प्रारम्भ हो गया। जिसमें गुरूवार से सुबह से भगवान गणेश की छोटी से लेकर बड़ी प्रतिमाएं तक नगर से लेकर ग्रामीणों ने स्थापित की। नगर में दस दिनों तक चलने वाले आज से गणेशोत्सव को लेकर काफी उत्साह देखा गया। ग्रामीण अंचलो से आये लोगो ने गणेश प्रतिमा ले कर गाजे बाजे के साथ अपने आपने ग्राम में ले कर गए। भगवान गणपति की प्रतिमा को लोगो ने सार्वजनिक पंडालो के अलावा अपने-अपने घरों में भी स्थापित किया। इस वर्ष भी मूर्तिकारों ने कई महीनों की मेहनत के बाद गणेश प्रतिमाओं का रूप तैयार किया था। महगांई के बाद भी मूर्तियों के न्योछावर में कोई अंतर नहीं देखा गया। नगर में जगह-जगह समितियों द्वारा पंडालों को तैयार कर शुभ मुहुर्त में गणेश चतुर्थी पर स्थापना की गयी। दस दिनो तक चलने वाले गणेशोत्सव पर्व के लिए पूरा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पंडालो को दुल्हनों की तरह सजाया गया है।