डिंडोरीPublished: Nov 09, 2020 06:15:56 pm
ayazuddin siddiqui
सम्यक जैन की रिपोर्ट पर मप्र के मुख्य सचिव को पीएमओ ने भेजा निर्देश
Case of road construction scam reached to PMO
डिंडोरी. डिंडोरी के वार्ड क्रमांक 9 निवासी एडवोकेट सम्यक जैन की मेहनत आखिरकार रंग लाई। नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 6 और वार्ड क्रमांक 1 में घटिया तरीके से बनाई गई सड़क का मामला अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुका है। सम्यक ने 19 सितंबर को पत्र भेजकर पीएमओ से लिखित शिकायत कर सड़क की गुणवत्ता और निर्माण में हुए घोटाले की जानकारी दी थी।
शिकायत के आधार पर पीएमओ ने हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश भेजकर रिपोर्ट तलब की है। इससे पहले सम्यक ने 8 जुलाई को मप्र के लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता को भी सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी दी। जिस पर संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने जबलपुर कमिश्नर को निर्देश देकर जांच कराने का आदेश दिया था। आदेश पर जबलपुर से जांच टीम डिंडोरी आई थी और सड़क की गुणवक्ता का आकलन किया था। जांच में सड़क की थिकनेस महज 8 सेंटीमीटर निकली थी, जबकि ठेकेदार को 20 सेंटीमीटर थिकनेस के हिसाब से भुगतान किया गया था। इसमें नगर परिषद की भूमिका और विश्वसनीयता पर भी कई़ सवाल उठे थे। सम्यक ने पीएमओ को पत्र भेजकर कहा था कि जनसुविधा से जुड़े इतने बड़े मामले में संबंधित अधिकारियों ने जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई। अफसरों की देरी और लापरवाही के कारण सैकड़ों वार्डवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब पीएमओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मप्र के मुख्य सचिव को सख्ती से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने और जनता को उनका वाजिब हक दिलाने का निर्देश दिया है।
जब तक जनता को राहत नहीं मिलेगी चुप नहीं रहेंगे
एडवोकेट सम्यक जैन ने कहा कि वह बतौर जिम्मेदार नागरिक डिंडोरी के विकास को लेकर लगातार सक्रिय रहेंगे। वार्ड क्रमांक1 और वार्ड क्रमांक 6 की सड़क के मामले में भी वह लगातार काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सड़क के मामले में पूर्ण पारदर्शिता के साथ निष्कर्ष नहीं निकल जाता, वह चुप नहीं बैठेंगे। सम्यक कहते हैं कि एक एडवोकेट होने के नाते भी जनता की आवाज को उच्च स्तर तक उठाना जरूरी है। पढ़ाई के दौरान उन्होंने जो भी सीखा है, उसे जनता के हित में उपयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। सम्यक की स्थानीय प्रशासन से मांग है कि सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जड़ तक जाकर जांच कराएं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें। सम्यक ने कहा कि मामले को जिला प्रशासन के संज्ञान में लाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। लिहाजा उन्होंने लोकायुक्त से भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की। वार्ड क्रमांक 6 में जैन परिवार के घर से गणेश मंदिर तक 8 लाख 50 हजार रुपए की लागत से लगभग 250 मीटर की सड़क बनाई गई थी, जो महज 15 दिन में गिट्टियों में तब्दील हो गई थी।
4 मार्च को रहवासियों ने नप अध्यक्ष तेकाम से की थी शिकायत
वार्ड क्रमांक 6 के रहवासियों ने 4 मार्च को सिर्फ 15 दिन में नई सड़क उखड़ जाने की शिकायत नगर परिषद अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम से की थी। इसके बाद नप अध्यक्ष समेत उपाध्यक्ष महेश पाराशर, निर्माण समिति अध्यक्ष और वार्ड पार्षद पुरुषोत्तम विश्वकर्मा ने मुख्य मार्ग से लेकर गणेश मंदिर रोड तक का व्यक्तिगत तौर पर मुआयना किया था। साथ ही गुणवत्ताहीन कार्य पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ठेकेदार के सभी कार्यों की जांच कार्यपालन यंत्री स्तर पर कराने के लिए पत्र भी लिखा था। निर्माण कार्य नागौद (सतना) के पौराणिक ट्रेडर्स एंड सप्लायर के जरिए हुआ था। तीन महीने बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। लिहाजा सम्यक ने लोकायुक्त को पत्र लिख भेजा और मामले पर संज्ञान लेकर सख्त कार्यवाही करने का निवेदन किया।
गड़बड़ी ऐसी की सप्लायर्स ने कराया था सड़क निर्माण
सतना जिले के नागौद से सप्लायर्स को डिंडोरी नगर पंचायत ने निर्माण कार्य का ठेका दिया था। वहीं, कॉन्ट्रैक्टर से राज्य शासन द्वारा निर्धारित दर से 20 से 25 प्रतिशत तक कम दर पर घटिया काम कराया गया। सरकार की ओर से विभिन्न मदों में 20 प्रतिशत राशि काट ली जाती है। ठेकेदारों द्वारा अघोषित रूप से मिनिमम 15 प्रतिशत कमीशन भी देना पड़ता है। कुल मिलाकर ठेकेदारों की 60 प्रतिशत राशि तो यूं ही कम हो गई। इसके बाद निर्धारित रेट से करीब 40 प्रतिशत कम पर काम करके ठेकेदार भी प्रॉफिट जरूर कमाएगा। इस स्थिति में कोई भी निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण होगा, यह कैसे मुमकिन है।