
लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
डिंडौरी. जिले के मेहंदवानी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बहादुर निवासी एक शिशु की टीकाकरण से मौत होने का मामला सामने आया है। परिजनों ने टीकाकरण में लापरवाही के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी जिला टीकाकरण अधिकारी और अन्य को मामले की जांच के लिए भेजा है। जानकारी के अनुसार मेहंदवानी ब्लॉक अंतर्गत बहादुर गांव के अहिरन टोला निवासी रमसू के दो माह के शिशु प्रीत को मंगलवार की दोपहर ददरा टोला में संचालित आंगनवाडी केंद्र में टीका की पहली खुराक लगाई गई थी। मृतक प्रीत की मां रोशनी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी ने प्रीत को कूल्हों के दोनो तरफ दो इंजेक्शन और एक इंजेक्शन बांह में लगाया था। इस दौरान महिला स्वास्थ्य कर्मी ने बच्चे को बुखार सहित अन्य समस्या की आशंका के चलते शिशु को बुखार की दवा देने सलाह दी थी। परिजनों ने बताया कि टीकाकरण के पूर्व प्रीत तंदुरुस्त था। टीका लगने के बाद उसका शरीर गर्म हो गया और स्तनपान में भी उसे दिक्कत हो रही थी। उसने स्वास्थ्य कर्मी द्वारा दी गई बुखार की दवा उसे खिलाई। इसके बाद भी उसकी हालत बिगड़ती गई और देर रात उसकी मौत हो गई।
टीम ने पृथक की किट, अन्य बच्चों की कर रहे निगरानी
मामले की शिकायत पर जिला टीकाकरण अधिकारी के निर्देश पर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. चंद्र शेखर धुर्वे और मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र ठाकुर की अगुवाई में गठित टीम ने मामले की जांच शुरू करते हुए टीकाकरण कैरियर किट को परीक्षण के लिए पृथक कर दिया है। साथ ही एहतियात के तौर पर पूर्व में टीकाकरण करवा चुके बच्चों की निगरानी भी शुरू कर दी है।
इन कारणों से हो सकती है मौत
जानकारों का कहना है कि टीकाकरण से मौत की आशंका कम होती है। वैक्सीन प्रोडक्ट क्वालिटी में गड़बड़ी, टीकाकरण समय अंतराल की अनदेखी, टीकाकरण के पूर्व सीरिंज और शरीर में सफाई का अभाव, मांस पेशी के आंकलन में लापरवाही और बच्चों में इम्युनिटी की कमी मौत का कारण बन सकती है। टीकाकरण अधिकारी प्रीत की मौत के लिए टीके को कारण नहीं मान रहे हैं। इनके मुताबिक बच्चे की मौत गले मे दूध के अटकने से संभावित है। हालांकि उन्होंने सभी पहलुओं पर जांच के निर्देश दिए हैं।
उपलब्ध नहीं थी सिरप, दी टेबलेट
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मी के पास बुखार की सिरप उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में प्रीत की मां को टेबलेट दी गई थी। जानकारों का कहना है कि शिशुओं को सिरप ही देना चाहिए। टेबलेट के गले मे अटकने की आशंका रहती है।
ग्रामीण टीकाकरण से बना रहे दूरी
मेहंदवानी के बहादुर गांव में हुई इस घटना के बाद क्षेत्र में टीकाकरण को लेकर ग्रामीणों में दहशत है। इसे लेकर स्वास्थ्य महकमा भी चिंतित है। तय समय मे टीकाकरण अनिवार्य है। इस बीच विभाग ग्रामीणों को समझाइश दे रहा है।
इनका कहना है
मृतक के परिजनों ने टीकाकरण से बच्चे की मौत होने की शिकायत की है। मर्ग कायम करके पोस्टमार्टम करवाया गया है। जांच उपरांत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
मामले की सूचना प्राप्त हुई है। जांच के लिए बीएमओ और मेडिकल ऑफिसर की टीम को भेजा गया है। वैक्सीन कैरियर किट पृथक करके सुरक्षित रखवाया गया है। सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
डॉ. आरके डोंगरे, जिला टीकाकरण अधिकारी डिंडौरी
Published on:
26 Dec 2024 02:20 pm
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