कभी चालू तो कभी बंद
बीएसएनएल की लचर व्यवस्था के कारण कुछ ही उपभोक्ता बचे हुए है जो इस कंपनी की सिम उपयोग कर रहे है और जो उपयोग कर भी रहे है तो ऐसे उपभोक्ता प्रतिदिन परेशान है। बीएसएनएल की सेवा कभी भी बंद हो जाती है और फिर कभी भी प्रारंभ हो जाती है। बीएसएनएल की लचर व्यवस्था से सबसे ज्यादा कार्यालय प्रभावित होते है। नगर में बीएसएनएल का इंटनेट ही विकल्प के तौर पर है
बिछिया टावर भी बंद
शहपुरा जनपद पंचायत अतर्गत ग्राम पंचायत बिछिया एक बहुत बडे क्षेत्र से घिरा हुआ है। यह ग्राम पंचायत लगभग बीस से भी अधिक ग्रामो का केन्द्र है पर यहां पर भी लगभग पन्द्रह दिनो से बीएसएनएल का नेटवर्क बंद है। जिसके कारण यहां पर रहने वाले हितग्राही खासे परेशान हैं। यहंा पर अन्य मोबाईल आपरेटर भी उपलब्ध है पर यदि वे भी बंद हो जाते है तो यहां के लोगो का अन्य जगहो से सीधा संपर्क टूट जाता है।
मानिकपुर में सब परेशान
मानिकपुर टावर से लगभग तीस से चालीस ग्राम आपस में जुडे हुए है और इसमें रहने वाले हजारो ग्रामीण बीएसएनएल की सुस्त रवैये के कारण डिजिटल सेंवा से वंचित है। सरकार के द्वारा हर ग्राम पंचायत में ई पंचायत का भवन वनवाया है। जिसमें की ग्रामीणो को एक जगह बैठकर ही सारी सुविधाए प्रदान की जा सके। बीएसएनएल विभाग की अनदेखी के चलते ग्रामीण सुविधा से वंचित है।
शो पीस बना टावर
वहीं ग्राम पंचायत बांकी में भी लगा हुआ टावर लोगो को मुंह चिढा रहा है।पहले लोग आते जाते नेटवर्क से परेशान थे परन्तू विभागीय लापरवाही के चलते पहले तो पूरी केवल ही चोरी हो गई। महीनो बाद किसी तरह केवल लगा टावर को चालू कर दिया पर चालू होने के बाद आज हालत ऐसे है की टावर का होना न होना बराबर है। बीएसएनएल का यह टावर सिर्फ शोपीस बनकर खडा है। ग्राम बांकी का यह टावर सालो से बंद पडा है परन्तू विभाग ने आज तक पलट कर नहीं देखा है।