डिंडोरीPublished: Feb 23, 2020 09:52:33 pm
Rajkumar yadav
विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास
Crores work in Eklavya School and Gurukulam
डिडोरी. प्रदेश में गरीब वर्ग के परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में विशेष प्रयास किए गए हैं। इस संबंध में मुकेश मोदी ने बताया कि प्रदेश में एक वर्ष में 9 कन्या शिक्षा परिसरों और 4 गुरुकुलम आवासीय विद्यालयों का एकलव्य में उन्नयन किया गया है और 13 नवीन एकलव्य विद्यालय खोले गये हैं। प्रदेश के 12 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में उन्नत ऑडिटोरियम बनाने के लिये 13 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर की गई है। पांच कन्या शिक्षा परिसर का निर्माण पूरा किया गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग के 36 विद्यालयों में नवीन भवनों के निर्माण और अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिये 118 करोड़ की राशि जारी की है। प्रदेश के चार संभागों में सौ-सौ सीटर छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। विभाग के 43 कन्या और बालक छात्रावास भवनों का निर्माण 91 करोड़ 65 लाख की राशि से किया जा रहा है। छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गई है। छात्रावास में रहने वाले करीब 95 हजार विद्यार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पौने 14 करोड़ की राशि अंतरित की गई है। इस वर्ष ऐसे 62 हजार से अधिक महाविद्यालयीन आदिवासी विद्यार्थियों को करीब 72 करोड़ की आवास सहायता दी गई।
विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया, सहरिया और बैगा के निवास वाले 15 जिलों में 3 संभाग स्तर के सामुदायिक भवन, 10 जिला स्तर के सामुदायिक भवन और 37 विकासखण्ड स्तर के सामुदायिक भवन निर्माण के लिये 34 करोड़ 50 लाख की राशि मंजूर की गई है। इस वर्ष गुरुकुलम विद्यालयों, आश्रम शाला, छात्रावास भवन और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण के लिये 510 करोड़ की राशि मंजूर की गई है। विभागीय शैक्षणिक और आवासीय संस्थाओं के भवनों की मरम्मत के लिये भी 40 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर संभागीय मुख्यालयों पर 250 कन्या एवं 250 बालक प्रति संभाग 500 सीट क्षमता के बड़े छात्रावास भवन निर्माण पर 57 करोड़ 46 लाख खर्च किये जा रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के जनजातीय विकास और सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिये भोपाल में साढ़े 18 करोड़ की राशि से सांस्कृतिक केन्द्र भवन का निर्माण कराया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल छिन्दवाड़ा, शहडोल, शिवपुरी और मण्डला जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जा रहे हैं।
विभागीय योजनाओं का कम्प्यूटराइजेशन
जनजातीय हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ ऑनलाइन दिलाने के लिये कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है। मोबाइल एप से योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। अब हितग्राही विभिन्न योजनाओं में मोबाइल एप के अलावा पोर्टल से भी आवेदन कर पा रहे हैं। राज्य सरकार ने विमुक्त घुमक्कड एवं अद्र्धघुमक्कड जनजाति वर्ग के हित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिये है। पिछले एक वर्ष में इन जनजाति वर्ग के विकास पर साढे 17 करोड़ की राशि खर्च की गई है।