scriptडिंडोरी जिले नहीं थम रहा नाबालिगों से काम कराने का सिलसिला | Dindori district is not stopping the work of minors | Patrika News

डिंडोरी जिले नहीं थम रहा नाबालिगों से काम कराने का सिलसिला

locationडिंडोरीPublished: Jun 13, 2020 10:15:05 pm

Submitted by:

Rajkumar yadav

मनरेगा में बालश्रम ताक पर रखे जा रहे नियममजदूरों को नहीं मिल रही शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी

Dindori district is not stopping the work of minors

Dindori district is not stopping the work of minors

डिंडोरी. एक तरफ सरकार बच्चों को पढ़ाकर उनका भविश्य उज्ज्वल बनाने के प्रयास कर रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी कार्यों में बच्चों से मजदूरी कराने का मामला प्रकास में आया है। जिला मुख्यालय से महज 05 किलोमीटर दूर ग्राम जमुनिया में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत तालाब गहरीकरण कार्य में नाबालिगों से मजदूरी कराई जा रही है। शासन के नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। तलाब गहरीकरण कार्य में बाल मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है, जबकि बालश्रम कानूनन अपराध है।
मजदूरों को नहीं दी जा रही पूरी मजदूरी-
कोरोना काल में गरीब मजदूरों को खाने के लाले ना पड़े इसलिए सरकार ने मजदूर वर्ग को मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार उपलब्ध कराने की योजना चलाई है। लेकिन सरकार की मंशा पर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार पानी फेर रहे हैं। मौके का फायदा उठाकर सरपंच व सचिव मनमानी कर रहे हैं, जिनके आगे मजदूर बेबस हैं। साथ ही उनकी मेहनत का उन्हें उचित मेहनताना भी नहीं मिल रहा है। सरकारी दर के हिसाब से मजदूरी मांगना कहीं अपराध न हो जाए और उन्हें काम से न निकाल दिया जाए। इस भय से आदिवासी मजदूर पंचायत की मनमानी सहने को मजबूर हैं।
मनरेगा के तहत ग्राम जमुनिया में तालाब गहरीकरण का काम चल रहा है, जिसमें शासन से आवंटित राशि के अनुसार प्रतिदिन की मजदूरी 190 रुपए है। लेकिन मजदूरों का कहना है कि उन्हें शासन के नियम के अनुसार मजदूरी नहीं दिया जा रही है। बीते सप्ताह उनके खातों में अलग-अलग राशि जमा कराई गई है। मजदूरों के अुनसार एक सप्ताह काम करने के बाद किसी को 120 तो किसी को 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी गई है।
पड़ताल में सामने आईं कई गडबडियां-
पत्रिका ने मामले की पडताल की तो सारी बातें सामने आई। ग्राम जमुनिया में नाबालिक बच्चियों से भी काम कराया जा रहा है। मजदूरों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित दर पर मजदूरी नहीं दी जा रही है। मजदूरों ने बताया कि पंचायत द्वारा एक मजदूर को ही हाजिरी लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है जो मस्टर रोल की जगह एक साधारण कॉपी में हम सभी मजदूरों की हाजिरी लेकर पंचायत को दे देता है और उसी हाजिरी के हिसाब से हम मजदूरों को मजदूरी दी जा रही है।
कराई जाएगी जांच
इस मामले में सब इंजीनियर को भेज कर जांच कराती हूँ, और कुछ भी गलत पाया गया तो सम्बन्धितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वर्षा झारिया
सीइओ
जनपत पंचायत डिंडौरी

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